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ईदगाह मैदान पर गणेश उत्‍सव मनाने की इजाजत, कर्नाटक हाई कोर्ट ने आधी रात सुनाया फैसला

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने आधी रात हुबली-धारवाड़ के ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी पूजा की अनुमति देने वाले के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस अशोक एस किनागी के चैंबर में सुनवाई मंगलवार रात 10 बजे शुरू हुई और 12 बजने से पहले कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ ईदगाह में गणेश उत्‍सव मनाने की इजाजत दे दी।

कोर्ट ने हुबली ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति देने के हुबली-धारवाड़ नगर निगम के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। आधी रात तक लोग कर्नाटक हाई कोर्ट पर टुकटुकी लगाए देखते रहे। इससे पहले मंगलवार को दिन में सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता अंजुमन-ए-इस्लाम के वकील ने बेंगलुरु ईदगाह मैदान पर गणेश उत्सव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश जिक्र किया।  हुबली के संबंध में इसी तरह के आदेश की भी बात की।

राज्य की ओर से पेश हुए एएजी ध्यान चिन्नप्पा ने कहा क‍ि बेंगलुरु मामले (चचमराजपेट संपत्ति) में चुनौती सरकार के आदेश की थी। यह एक विवादित सवाल है क्योंकि वक्फ अपने मालिकाना हक के दावे को साबित नहीं कर सका। इस मामले में यह सवाल नहीं है। इस मामले में काफी पहले मुकदमा दायर किया गया था।

हाई कोर्ट: कुछ हिंदू संगठनों ने गणेश प्रतिमा स्थापित करने और उक्त संपत्ति में सांस्कृतिक गतिविधि आयोजित करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। प्रतिवादी संख्या 2 ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया।

याचिकाकर्ता : ऐसा पहली बार हुआ है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उनके पास अधिकार या शक्ति नहीं है। यह उनकी संपत्ति है लेकिन इस समय नहीं।
हाई कोर्ट: इस पर किसे निर्णय लेना चाहिए? मुझे आधे घंटे का समय दीजिए, मैं आदेश पारित करूंगा। और तीन दिनों के लिए दी गई है।
एएजी: हम कानून और व्यवस्था बनाए रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह कार्य बिना किसी के हस्तक्षेप के हो।
एएजी: गणेश के उत्सव को इतनी सख्ती से नहीं लेना चाहिए। यह एक सामुदायिक समारोह है और सभी का स्वागत है। अन्य समुदाय के सदस्यों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप न करें।
एएजी: यहां मालिकाना हक और कब्जे को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्हें सिर्फ रमजान और बकरीद पर दो दिन #नमाज करने का अधिकार है।एएजी: संपत्ति विशेष रूप से निगम के कब्जे में है। निगम को अपनी इच्छानुसार उपयोग करने का अधिकार है। यदि वे मेरे द्वारा उल्लिखित दो दिनों के लिए निषिद्ध हैं और वे अदालत में आ सकते हैं लेकिन यदि यह दो दिनों के लिए नहीं है तो यह नहीं हो सकता है
एएजी: आखिरकार जो दिया गया वह लाइसेंस था और सही नहीं। आयुक्त ने सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह आदेश पारित किया है.एएजी: पहली अपील अदालत ने सवाल का जवाब यह कहकर दिया कि क्या संपत्ति वक्फ की है। अदालत ने अपील खारिज कर दी और यहां तक कि एसएलपी भी खारिज कर दी गई।

कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ नगर निगम(एचडीएमसी) ने यहां ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया था। हुबली-धारवाड़ के महापौर इरेश अचंतगेरी ने निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ चली लंबी बैठक के बाद सोमवार देर रात इस फैसले की घोषणा हुई थी। उन्होंने बताया कि यह फैसला नगर निकाय द्वारा इस मुद्दे पर गठित सदन की समिति की अनुशंसा पर लिया गया। महापौर ने कहा क‍ि सदन की समिति ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद गणेश उत्सव की अनुमति देने की अनुशंसा की थी। इसे उत्सव को अनुमति देने के पक्ष में 28 और विरोध में 11 ज्ञापन मिले थे।

उन्होंने बताया कि समिति की रिपोर्ट और विस्तृत चर्चा के बाद तीन दिन के लिए गणेश उत्सव की अनुमति देने का फैसला किया गया था। महापौर ने बताया कि छह संगठनों ने गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनमुति मांगी थी, जिनमें से एक को चुना गया और बाकी से सद्भावनपूर्वक तरीके से उत्सव मनाने में सहयोग करने का अनुरोध किया गया था। गौरतलब है कि नगर निगम ने यह फैसला कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बावजूद लिया है। अधिकारियों ने बताया कि एक विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मुस्लिम समुदाय को इस मैदान में साल में केवल दो बार नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाती है और नगर निगम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर वहां राष्ट्र ध्वज फहराता है।

कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा। मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया क‍ि कर्नाटक सरकार ने 2 दिनों के लिए गणेश चतुर्थी समारोह के लिए मैदान का उपयोग करने की अनुमति दी थी, 31 अगस्‍त और 1 स‍ितंबर के लिए। कोर्ट न अपने आदेश में कहा क‍ि ईदगाह मैदान में बुधवार और गुरुवार को गणेश चतुर्थी उत्सव का आयोजन नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने आगे पार्टियों को इस मुद्दे के निर्णय के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट से संपर्क करने के लिए कहा है।

ईदगाह मैदान के पास की गई सुरक्षा व्यवस्था पर डीसीपी लक्ष्मण बी. निम्बार्गी (पश्चिम मंडल) ने कहा कि पिछले 15 दिनों से बदमाशों पर कार्रवाई की जा रही है। हम कानून और व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे हैं। गणेश चतुर्थी की पृष्ठभूमि पर भी हमने सभी समुदाय के नेताओं के साथ शांति बैठक की है। हमने चामराजपेट में लगभग 1,600 पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। इसके अलावा तीन DCP, 21 ACP, लगभग 49 निरीक्षक, 130 PSI और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को भी शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है।

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