दुर्ग: जिले में एक परिवार के घर लगा रुद्राक्ष के पेड़ पर अब फल लगने लगा है। जिसे देखकर महतो परिवार खुशी से झूम उठे, आसपास के लोगों को जब इसका पता लगा तो इसे देखने लोगों की भीड़ घर में लगने लगी। यह रुद्राक्ष तीन मुखी बताया जा रहा है। वहीं परिवार के अनुसार पौधे में 15 साल बाद फल देखने को मिला है।
बोरसी क्षेत्र में रहने वाले रामाधार महतो बागवानी शौकीन थे, वे पेड़ पौधों को बच्चे की तरह देखभाल करते थे। धीरे धीरे उनका यह शौक व्यवसाय में बदल गया जिसके उन्होंने घर में एक बड़ी नर्सरी शुरू की उस नर्सरी में वो सैकड़ों प्रजाति के फूल और पौधे बेचने का काम करते हैं। लेकिन अब उनका यह काम उनका बेटे अजय महतो संभालते है। अजय ने बताया कि उनके पिता ने 15-16 साल पहले दूसरे राज्य से रुद्राक्ष का पौधा मंगाया था। लेकिन वह नहीं फल रहा था।
अजय ने बताया कि यह फल दूसरी बार लगा है पहली बार में कम फल लगा था। लेकिन इस बार अधिक संख्या में फल लगे हैं। अजय के अनुसार वे इसका व्यवसाय नहीं करेंगे। जिन्हें आवश्यकता होगी उन्हें वे निशुल्क देंगे। उन्होंने बताया कि दुर्ग जिले में कई रुद्राक्ष के पौधे लगे लेकिन फल देने वाला पहला पेड़ उनके यहां का है। उनका दावा है कि यह रुद्राक्ष तीन मुखी है। इससे पहले फले रुद्राक्ष को अजय की दादी ने माला बनवाकर एक संत को दान कर दिया।
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ
- तीन मुखी रुद्राक्ष में अग्नि तत्व होने से यह पेट की बिमारियों को भी दूर करता है, पेट की अग्नि मंद होने पर (अजीर्ण की समस्या होने पर) भोजन समय पर न पचने पर तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अद्भुत लाभ मिलता है ।
- चेहरे पर दिव्य तेज व शक्ति को प्राप्त करने के लिए भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाना चाहिए।
- तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने स्त्री हत्या जैसे पापों से भी मुक्ति मिलती है।
- इस रुद्राक्ष को पहनने से आत्मविश्वास बढता हैं, आत्मविश्वास ही नहीं अपितु यह उसे उर्जावान भी बनाये रखता है।
- तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मंगल और सूर्य से सम्बंधित दोषों का नाश होता हैं।
- जिन जातकों का जन्म लग्न व राशी मेष, वृश्चिक या धनु हो, उनके लिए तीन मुखी रुद्राक्ष अ धारण करना अति शुभ माना गया हैं।
- तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से जातक को समाज में मान सम्मान व जीवन में सफलता मिलती है।
विधि से करें धारण
मन चाहे फल की प्राप्ति के लिए इस तीन मुखी रुद्राक्ष को सावन मास के किसी भी सोमवार के दिन शिव मंत्र से अभिमंत्रित कर धारण करना चाहिए । सावन सोमवार के दिन रुद्राक्ष को पहले शुद्ध जल से स्नान कराये, फिर पंचामृत (दूध-दही-शहद-घी-गंगाजल) के मिश्रण से स्नान कराने के बाद अंत में गंगाजल से स्नान करायें।