बस्तर में शांति और विकास के लिए आदिवासियों को सक्षम बनाना जरूरी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह काम समाज के सहयोग के बिना नहीं हो सकता। बघेल ने सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित आदिवासियों को उनके कब्जे वाली जमीन के पट्टे दिलवाने व नक्सलियों का भय दूर करने में सरकार का साथ दें, ताकि आदिवासी शासन की योजनाओं का लाभ उठा सकें और सक्षम बनें। प्रतिनिधि मंडल ने बस्तर इलाके में नक्सलियों द्वारा ध्वस्त किए गए स्कूल, आश्रमों के पुनर्निर्माण की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल अधिकारियों को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए। प्रतिनिधि मंडल की मांग पर मुख्यमंत्री ने जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक को अविलंब बुलाने के निर्देश दिए। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से बस्तर में विकास और शांति को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को चिंता थी की बस्तर में बेकसूर नागरिक न मारे जाए और बस्तर का विकास भी प्रभावित न हो। प्रतिनिधि मंडल में समाज के सोहन पोटाई, प्रकाश ठाकुर, पप्पू नाग, शारदा कश्यप, राजकुमार ओयामी, आनंद मरकाम, संदीप सलाम व अन्य सदस्य मौजूद थे। बैठक में राज्य सरकार के मंत्री व अन्य लोग भी शामिल थे।
शांति और विकास के लिए आदिवासियों को सक्षम बनाना जरूरी,मुख्यमंत्री बघेल
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि बस्तर हो या सरगुजा अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। जिस गांव में विकास के जो काम वे चाहते हैं वो मंजूर किए जाएंगे। इन इलाकों में 12वीं पास युवाओं को 50-50 लाख रुपये तक के ठेके दिए जाने का प्रविधान है। इसके लिए समाज के युवाओं को आगे आना चाहिए। सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने नक्सल समस्या के समाधान को लेकर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार शांति व विकास के लिए कटिबद्ध है। वे हर उस व्यक्ति से चर्चा करने को तैयार है जो भारत के संविधान में आस्था रखते हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा की आदिवासी समाज तो हमारा अपना परिवार है उससे तो मैं हर समय बात करने के लिए तत्पर हूं