


कोरोना संक्रमण के दौरान आने वाले बुखार व शरीर में दर्द जैसे लक्षण डेंगू के हो सकते हैं। इस लिए मानसून आने के साथ ही डेंगू रोग के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाना जरुरी होता है।


राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 16 मई को हर साल स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए जागरुकता रैली निकालने सहित गतिविधियां संभव नहीं है। ऐसे में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम अधिकारी ने सभी जिलों के सीएमएचओ व जिला मलेरिया अधिकारियों को वर्चुवल मिटिंग, सोशल मिडिया, बैनर, पोस्टर सहित हैंडबिल के माध्यम से प्रचार कर लोगों को जागरुक करने गतिविधियां संचालित करने का निर्देश दिया हैं।
डेंगू के मच्छर अधिकतर जुलाई से अक्टूबर के बीच ही पनपते हैं। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। एडीज मच्छर गर्म से गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है। मानसून के समय पानी इकठ्ठा होने से डेंगू के मच्छर पनपने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए गर्मियों की शुरुआत के साथ ही और लोगों के घरों में कूलर लगने के बाद ही बारिश में स्वास्थ्य विभाग घरों में कूलर में पानी जमा होने की चेकिंग शुरू कर देते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की यह बीमारी अभी भी उतनी ही घातक है और इसे लेकर पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।
डेंगू का मच्छर आम मच्छर से होता है अलग
एडीज बताया गया है। इस मच्छर के काटने से डेंगू की बीमारी होती है। यह आम मच्छरों से अलग होता है। बता दें, यह मच्छर अधिकतर रोशनी में काटते हैं। कई रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है की यह मच्छर सुबह के वक्त काटते हैं। सुबह और दिन के वक्त या जब रोशनी हो तो इसका अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। एडीज ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम नहीं होता और यही कारण है की यह अधिकतर घुटनो के नीचे काटता है। यह एक भ्रम है की डेंगू के मच्छर सिर्फ गंदे पानी में पनपते हैं। साफ-सुथरे इलाकों में और साफ-सुथरे पानी में यह मच्छर पनपते हैं तो सभी को इसका ध्यान रखने की जरूरत है।
डेंगू के लक्षण-
मादा एडीज यानी अगर डेंगू मच्छर अगर काटे तो इसके कुछ दिनों बाद लक्षण दिखने शुरू होते है| । ठंड के साथ तेज बुखार, सिर, आंखों, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल चकत्ते इसके लक्षण है ।
कैसे करें बचाव?
साफ या गन्दा पानी जमा कर के न रखें।
कूलर के पानी को भी 7 दिन में बदलें और हो सके तो उसमें थोड़ा सा मिटटी का तेल डाल दें।
पानी की टंकी को ढक्कन से ढक कर रखें।
खिड़कियों को जाली या शीशे से बंद कर के रखें और दरवाजे भी बंद कर के रखें ताकि मच्छर घर में न आ सकें।
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी या स्प्रे आदि का प्रयोग करें।
एक्वेरियम, फूलदान आदि में हर हफ्ते पानी बदलें।