अयोध्या में सरयू नदी के घाट पर दीये जलाने की यह परंपरा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 से शुरू की थी। इस प्रकार इस वर्ष यह पांचवा दीपोत्सव मनाया जा रहा है। इसे एक परंपरा का रूप देने की कोशिश की जा रही है। अयोध्यावासियों से बातचीत करें तो पता चलता है कि इस दीपोत्सव कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साही हैं। अयोध्यावासी अपने परिवार के लोगों के साथ भी दीपोत्सव कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राम की पैड़ी घाट पर इस समय पहुंचे हुए हैं।
शत्रुघ्न घाट पर दीयों का संयोजन कर रहे विजेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि उनकी संस्था सपना फाउंडेशन के जैसे 49 संस्थाओं के आयोजक यहां दीपक लगाने के कार्यक्रम में जुटे हुए हैं। हम सब मिलकर 10 लाख से ज्यादा दीपक लगाएंगे जिससे कुछ दीपक कम जलें तो भी कम से कम 9,51,000 दीपक जलते रहें और रिकॉर्ड दीपक जलाने का उनका उद्देश्य आसानी से पूरा हो सके।
महाराजा कॉलेज की छात्रा श्वेता तिवारी ने अमर उजाला को बताया कि पिछले दो वर्ष कोरोना वायरस के कारण दीपावली का उत्सव मनाने का त्यौहार बिल्कुल फीका पड़ गया था, लेकिन इस वर्ष सरकार ने एक बार फिर से दीपोत्सव को भव्य तरीके से मनाने की तैयारी की गई है। इसमें वे अपने दोस्तों के साथ दीपक जलाने के लिए आई हुई हैं और ऐसा करके बहुत आनंदित महसूस कर रही हैं।
एक अन्य छात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदैव लड़कियों को आगे बढ़ाने की कोशिश करते रहते हैं। इसके लिए वे विशेष बधाई के पात्र हैं क्योंकि जब समाज में लड़कियों की शिक्षा बढ़ेगी, उनका सशक्तिकरण होगा तो समाज में एक बड़ा बदलाव आएगा। इसको लेकर छात्राओं में बहुत उत्साह है।
कार्यक्रम में गणमान्य लोगों की उपस्थिति को देखकर सुरक्षा व्यवस्था बेहद चुस्त दुरुस्त कर दी गई है। अयोध्या के मुख्य प्रवेश द्वार के पास से ही राम की पैड़ी घाट तक और प्रमुख मंदिरों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
कार्यक्रम से जुड़े लोगों का अनुमान है कि बुधवार के दिन यहां पर बहुत भारी संख्या में लोग देश-विदेश और स्थानीय स्तर पर आएंगे जिसके कारण घाट और उसके आसपास बहुत भारी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठी हो सकती है। सभी अतिथियों के बैठने और उन्हें उन्हें सुरक्षा देने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।