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श्रीकृष्ण के बेटे ने बनवाया था ये सूर्यमंदिर, कुष्ठ रोग से मिलती है निजात

Surya Mandir: नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड स्थित हंडिया गांव में स्थित एक अलौकिक सूर्य मंदिर है, जो ऐतिहासिक साक्ष्यों से द्वापरकालीन माना जाता है। हंडिया सूर्यमंदिर के नाम से विख्यात इस मंदिर के प्रांगण में स्थित सरोवर के संबंध में मान्यता है कि इसमें स्नान करने से जटिल कुष्ठ रोग से छुटकारा मिल जाता है। मंदिर और उसके आसपास पुरातात्विक महत्व की कई चीजें हैं, जो इसकी गौरवशाली अतीत को बयां करती हैं। यहां सूर्यनारायण की दुर्लभ मूर्ति भी है। हंडिया के सूर्य नारायण धाम मंदिर का महात्म्य अलौकिक है। ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के आसपास की गई खुदाई के समय मिले प्रतीक चिह्न इस बात की गवाही भरते हैं कि इस मंदिर का महात्म्य बृहतर है। पत्थर के बने रथ मार्ग के लिंक के अवशेष से ज्ञात होता है कि मंदिर का संबंध द्वापर युग से है।

श्रीकृष्ण के बेटे साम्ब ने बनवाया था हंडिया सूर्य मंदिर
तमाम साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब ने हंडिया सूर्य मंदिर का निर्माण कराया था। पौराणिक धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को उनकी गलतियों के कारण श्रीकृष्ण ने श्राप दे दिया था, जिसके बाद साम्ब कुष्ठ रोग से ग्रसित हो गए थे। साम्ब ने जब इससे मुक्ति के लिए प्रार्थना की, तब उन्हें बारह सूर्य मंदिरों का निर्माण कराने को कहा गया था। ऐसा माना जाता है कि साम्ब द्वारा निर्मित विभिन्न सूर्य मंदिरों में से हड़िया सूर्यमंदिर भी एक है। बल्कि उनके इस कृत्य से उन्हें कुष्ठ रोग से भी मुक्ति मिल गयी थी, जिसके बाद से यह मान्यता प्रचलित है कि इस मंदिर में स्नान से कुष्ठ रोग से छुटकारा मिल जाता है।

सूर्य मंदिर परिसर स्थित सरोवर में स्नान और पूजा की परम्परा बहुत पुरानी है। श्रद्धालु इसके सरोवर में स्नान कर नियमित रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। हड़िया सूर्य मंदिर मुख्यत: कुष्ठ से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। श्रद्धालुओं में आस्था है कि सरोवर में पांच रविवार स्नान करने तथा इसके साथ ही अनूना करने यानी रविवार को नमक का परित्याग करने से असाध्य कुष्ठ रोग से भी लोगों को छुटकारा मिल जाता है।

हंडिया का सीधा जुड़ाव रहा है जरासंध की पुत्री से
ऐतिहासिक तथ्य यह भी है कि यह श्रीकृष्ण के प्रभाव वाला इलाका रहा है। समीप ही मगध सम्राट जरासंध के राज का मुख्यालय राजगीर था। हंडिया के पवित्र सरोवर में स्नान कर पूजन करने के लिए मगध सम्राट जरासंध की पुत्री धन्यावती भी राजगीर से हंडिया आती थी। नवादा जिले से सटे गया और नालंदा जिले की सीमा से बेहद करीब रहे हंडिया सूर्य मंदिर का प्रभाव इन जिलों के साथ ही दूरदराज के जिलों में ही नहीं वरन अन्य राज्यों में भी है। यहां आकर लाभ उठा चुके लोगों द्वारा बताए जाने के बाद अब यहां की ख्याति दूर-दूर के राज्यों तक पहुंच चुकी है। यही कारण है कि यहां चार दिवसीय छठ महापर्व पर भारी भीड़ जुटती है। चैत और कार्तिक में होने वाले छठ पूजन पर व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की एक समान भारी भीड़ उमड़ती है।

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