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स्व. सहायता समूह की महिलाओं को मिला प्रशिक्षण

भिलाई नगर पालिक निगम भिलाई के शहरी का गौठान में अब मशरूम उत्पादन किया जाएगा। इसकी प्रारंभिक तैयारियां तेज हो गई है! कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर गौठान में फाइव

एक्टिविटीज के तहत भिलाई निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे के निर्देशन पर स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा मशरूम उत्पादन पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया गया है।

नोडल अधिकारी एवं उपायुक्त सुनील अग्रहरि एवं सहायक परियोजना अधिकारी फणींद्र बोस ने महिलाओं को इस कार्य के लिए प्रशिक्षण दिलवाया है। अगरबत्ती की मशीन खरीदने और इसका प्रशिक्षण प्राप्त करने

के बाद महिलाएं द्वितीय गतिविधि के तहत मशरूम उत्पादन का कार्य प्रारंभ कर चुकी है। आर्या महिला स्व सहायता समूह के द्वारा मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है।

वृहद पैमाने पर उत्पादन करने के लिए महिलाओं ने व्यापक तैयारी कर ली है। आर्या महिला समूह की अध्यक्ष सुशीला जंघेल एवं सी.ओ. सुलोचना धनकर ने जानकारी देते हुए बताया कि मशरूम उत्पादन के लिए सबसे जरूरी सामग्री पैरा कुट्टी, स्पान, बविष्टिन एवं फॉर्मलीन तथा पॉलिथीन बैग तथा देखरेख की होती है।

पैरा कुट्टी को बविष्टिन या फॉर्मलीन से उपचारित कर सुखाकर कीटाणु रहित बनाया जाता है। लेयर पद्धति से स्पान को डालकर पॉलीबैग में भरा जाता है। 25 से 30 दिन बाद मशरूम अपनी 1 तुड़ाई के लिए प्रारंभ हो जाती है और बिक्री के लिए तरोताजा मशरूम तैयार हो जाएगा।

अध्यक्ष सुशीला जंघेल ने बताया कि मशरूम पैकेट का दर निर्धारित कर दिया गया है। 200 ग्राम का एक पैकेट तैयार किया जाएगा जिसकी कीमत 40 रुपए होगी, वहीं 1 किलो मशरूम की कीमत 200 रुपए होगी।

अगर पैरा कुट्टी और मशरूम का बीज डला हुआ सेट चाहिए तो वह भी मशरूम के गुणवत्ता अनुरूप 50 से 100 रुपए में मिल जाएगा। घर पर ले जाकर मशरूम की तुड़ाई अपने अनुसार क्रेता कर पाएंगे। मशरूम की तीन बार तुड़ाई कर सकते हैं, पहला 25 से 30 दिन पश्चात, दूसरा इसके 1 सप्ताह बाद और तीसरा 10 दिन बाद।

इस प्रकार से लगभग 50 दिनों में मशरूम की तीन प्रोडक्शन गौठान में प्राप्त की जाएगी।
इतनी होगी मशरूम उत्पादन से आय आर्या स्व सहायता समूह की अध्यक्ष ने आगे बताया कि 25 दिसंबर से मशरूम विक्रय के लिए तैयार हो जाए, इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।

100 बैग का मशरूम एक साथ तैयार किया जाएगा। जिससे प्रति बैग 700 ग्राम मशरूम मिलेगा! 100 बैग के मुताबिक 70000 ग्राम मशरूम का उत्पादन होगा।

यानी कि 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से अनुमानित 14000 रुपये प्रति माह की आय होगी। आर्या स्व सहायता समूह में नीरा, सुमन, बिंदेश्वरी एवं देवंतीन सहित अन्य महिलाएं इस कार्य में सहयोग करेंगी।

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