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Supreme Court ने पतंजलि कंपनी को लगाई फटकार, दावा करने वाले विज्ञापनों पर लगाया रोक

नई दिल्ली :-सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पुराने आदेश का उल्लंघन करने के चलते बाबा रामदेव और पतंजलि कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का नोटिस भी जारी किया गया है।

योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजली आयुर्वेद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को अदालत ने पतंजलि की दवाओं के प्रचार पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश जारी कर दिया है। साथ ही पुराने आदेश के उल्लंघन पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का नोटिस भी जारी किया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई है।

भारत के शीर्ष न्यायालय में इस मामले की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच कर रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट का कहना है कि पतंजलि ने दावा कर देश को धोखा दिया है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर सकती है। जबकि, इसके कोई भी सबूत मौजूद नहीं हैं।

इस दौरान कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि पतंजलि अपने ऐसे कोई भी दवा उत्पादों का प्रचार नहीं करेगा, जिसमें दावा किया गया है कि Drugs and Magic Remedies (Objectionable Advertisements) Act में बताई गईं बीमारियों का इलाज करेगा। साथ ही कोर्ट ने आदेश जारी किए कि पतंजलि को दवा के किसी अन्य रूपों के खिलाफ इस तरह के बयान या दावे नहीं करने चाहिए।

साल 2022 में इसके खिलाफ याचिका दाखिल होने के बाद भी गुमराह करने वाले एडवर्टाइजमेंट पर ऐक्शन नहीं लेने पर केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई।

कोर्ट ने कहा, ‘पूरे देश को धोखे में रखा गया है! आपने दो साल इंतजार किया जबकि ड्रग्स एक्ट कहना है कि यह निषेध है।’ कोर्ट की तरफ से अवमानना का नोटिस भी जारी किया गया है। आदेश में कहा गया, ‘हम (बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण) को शोकॉज नोटिस जारी करते हैं, कि उनके खिलाफ क्यों कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। 2 सप्ताह में जवाब दिया जाए।’

दरअसल, IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका के जरिए आरोप लगाए गए थे कि योग गुरु और उनकी कंपनी की तरफ से कोविड-19 वैक्सीन अभियान और मॉडर्न मेडिसिन के खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा है। शीर्ष न्यायालय ने नवंबर में ही हर झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी।

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