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डकैती मालमे में पुलिस ने लिया एक्शन, MLA के भाई से बहस के बाद ट्रेनी DSP का ट्रांसफर

सरगुजा  : छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के लखनपुर थाना इलाके में स्थित अमेरा खुली खदान में पिछले दिनों गार्ड को जान से मारने की धमकी देते हुए कोयला और तांबे के तार की डकैती हुई थी. मामले में पुलिस ने संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को अंबिकापुर से बीजेपी विधायक राजेश अग्रवाल के भाई विजय अग्रवाल ने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ थाने का घेराव किया और जमकर हंगामा किया गया.

इस दौरान पुलिस पर आरोप लगाया गया कि गलत कार्रवाई की गई है. विजय अग्रवाल ने ट्रेनी डीएसपी को धमकी देते हुए कहा कि मैं तुमको देख लूंगा. 

डीएसपी शुभम तिवारी ने कहा कि कोयला खदान में हुई डकैती मामले में पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के निर्देश पर आरोपियों की पड़ताल की जा रही थी. मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को पहले संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया था. पूछताछ के दौरान खदान में डकैती करने की बात कबूल किए जाने के बाद ही आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिसकर्मी ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने डकैती का कोयला और तांबा तार बरामद करने में सफलता पाई. विवेचना में साक्षी मिलने पर ही आरोपियों को जेल भेजा गया है.

इस मामले में पुलिस ने हाल ही में एक नाबालिक सहित पांच आरोपियों को जेल भेजा था. इससे पहले भी सीसीएल कर्मी पर हमला करके कोयले की लूटपाट की गई थी. लगातार वारदात होने पर आईजी अंकित गर्ग के द्वारा पुलिस को कोयला चोरों पर अंकुश लगाने और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे.

बीजेपी विधायक ने क्या कहा?

अंबिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल ने कहा कि तार चोरी की घटना में पुलिस ने डकैती का केस बना दिया. शुरू में इसमें चार लोगों का नाम शामिल किया गया था, बाद में नाम बढ़ा दिया गया. मैंने उनसे कहा था कि उसमें जो भी वास्तविक अपराधी हैं, उनके खिलाफ चोरी का आरोप लगा दिया जाए. आरोपियों में कुछ ऐसे भी नाम शामिल किए गए, जो कभी किसी बदमाशी में नहीं रहे. मैंने कहा था कि विवेचना कर लीजिए और जो जायज हो कार्रवाई कीजिए लेकिन जो उसमें संलिप्त नही हैं, उनको विवेचना करके हटा लीजिए. इसी बात की चर्चा करने के लिए लोग थाने गए हुए थे, वहां पर मौजूद थानेदार भड़क गए और उन्होंने कहा कि हम आपसे हिसाब से थाना नही चलाएंगे.

बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि मैंने उन लोगों से कहा कि गांव के लोग आक्रोशित हो रहे हैं. उसके बाद लोगों के वहां जाने के बाद थानेदार ने अपने स्टाफ से कहा कि इन लोग को बाहर निकालो, इसी बात पर विवाद हुआ. इसके बाद मैंने पुलिस अधीक्षक से बात की वहां पर गए लोगों को वापस बुलाया.

बीजेपी विधायक के भाई और उनके साथ थाने गए कुछ लोगों के द्वारा हुए घटनाक्रम के 24 घंटे के अंदर ही ट्रेनी डीएसपी शुभम तिवारी को हटा दिया गया. देर शाम कांग्रेस युवा सरगुजा ने ज्ञापन देकर बीजेपी विधायक के भाई पर कार्यवाही की मांग की है.

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