रायपुर: मनी लांड्रिंग और कोल घोटाले के मामले में खनिज विभाग के डिप्टी डायरेक्टर शिवशंकर नाग, खनिज अधिकारी संदीप कुमार नायक, कारोबारी दीपेश टांक और फर्जी ईडी के अधिकारी राजेश चौधरी को तीन दिन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड में भेज दिया गया है। शिवशंकर नाग और संदीप दो दिन के लिए न्यायिक रिमांड में जेल में थे, अब ईडी ने रिमांड में लिया है। इन सभी स्पेशल कोर्ट के चतुर्थ अपर सत्र एवं जिला न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट ने पेश किया गया। राजेश चौधरी खुद को ईडी का अधिकारी बताकर पूर्व में जेल में बंद आरोपितों के स्वजनों से लाखों रुपये वसूल लिए थे। उसके पास से ईडी का फर्जी आइकार्ड भी जब्त किया गया है।
सभी चार अभियुक्तों को ईडी 30 जनवरी को अदालत में पेश करेगी। ईडी इस पूछताछ में खनिज अधिकारियों से कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले को लेकर उन सूत्रों की जानकारी जुटाएगी जिनके नाम संचालकों अथवा संचालकों के लिए अहम भूमिका निभाने वाले प्रशासनिक अधिकारी हैं। दीपेश टांक को लेकर ईडी का आरोप है कि उसने जो संपत्ति खरीदी और सौम्या चौरसिया परिवार को बेची है, उसका हिसाब अब तक नहीं दे सका है। उसकी जांच की जा रही है। दीपेश टांक पर 51 एकड़ जमीन बेचने का आरोप लगा है। वहीं अभियुक्त के वकील का कहना है कि उसके पास जो रकम है वह सब्जी बेचकर जुटाया था।
आरोपित राजेश चौधरी को मुंबई से गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक आरोपित ने ईडी की कार्रवाई को प्रभावित करने और एजेंसी के ज्वाइंट डायरेक्टर समेत कई अधिकारियों से सीधा संपर्क बताकर मामला खत्म करा देने का झांसा देकर कोयला घोटाला मामले में जेल में बंद एक कारोबारी के स्वजन से कथित रूप से 20 लाख रुपये ठग लिए।
राकेश चौधरी मुंबई में प्रिंटिंग प्रेस का काम करता है। वहां से कुछ लोगों से संपर्क में आने के बाद उसने ईडी का फर्जी आइकार्ड बनाया और यहां के लोगों से आकर संपर्क किया। राहत दिलाने के नाम पर पैसे एठ लिए। कोयला घोटाला और वसूली मामले में सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई और सौम्या चौरसिया समेत तीन अन्य केंद्रीय जेल में बंद हैं।