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चुनाव में मुफ्त की रेवड़ी की घोषणा अब आसान नहीं

रायपुर। राजनीतिक दलों के लिए मुफ्त की रेवड़ी की घोषणा अब आसान नहीं होगी। चुनाव में राजनीतिक दल लोक लुभावने वादे तो कर सकेंगे, लेकिन उन्हें बताना होगा कि कितने लोगों को लाभ मिलेगा और इसके लिए पैसे कहां से आएंगे। पूरी वित्तीय व्यवस्था का ब्यौरा चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने नवा रायपुर में पत्रकारवार्ता के दौरान चुनावी तैयारियों पर यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई राजनीतिक पार्टियां आकर्षक और लुभावने वादे घोषणा-पत्र में शामिल करती है, लेकिन इसका ब्यौरा प्रस्तुत नहीं करती। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक अब वादे कैसे पूरे करेंगे, इसका ब्यौरा राजनीतिक दलों को प्रस्तुत करना होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को घर बैठे मतदान करने की सुविधा मिलेगी। राज्य गठन के बाद विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार यह नियम लागू होंगे। देश के अन्य राज्यों के पिछले कुछ चुनावों में यह प्रावधान लागू किया जा चुका है।

विकलांगता पर घर बैठे मतदान की मिलेगी सुविधा

साथ ही 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता पर भी उन्हें घर बैठे मतदान करने की सुविधा मिलेगी। निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। संविदा कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से बाहर रखा जाएगा, वहीं तीन वर्ष से जमे अधिकारियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया तेज की जाएगी।

चुनाव आयुक्त ने कहा कि विशेष संरक्षित जातियों के लिए 100 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा गया है। छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे सात राज्यों की सरहदों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। सड़क, रेल मार्ग के अलावा हवाई मार्ग यानि विमानों की भी जांच-पड़ताल इस बार की जाएगी।

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान अब 11 सितंबर तक

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान 11 सितंबर तक चलाया जाएगा। इससे पहले अभियान की तारीख 31 अगस्त तय की गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन की प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक दलों के साथ बैठक में मांग के बाद यह निर्णय लिया गया है। राजनीतिक दलों को एक और सुविधा दी गई है, जिसमें बूथवार प्रचार सामग्री वाहनों की संख्या एक के स्थान पर अब चार वाहन उपयोग में लिए जा सकेंगे।

सुरक्षा में कोई कोताही नहीं

बस्तर और अन्य संवेदनशील मतदान केंद्रों के बारे मे मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हर स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए सुरक्षा बलों की बैठकें ली जा चुकी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। मतदाताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।

एक नजर में

  1. महिलाएं 900 संगवारी बूथ संचालित करेंगी।
  2. विधानसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ी में यह स्लोगन- वोट दे बर ये बार जाबो जी, चुनई तिहार मनाबो जी।
  3. अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन चार अक्टूबर 2023 को होगा।
  4. नव वधु सम्मान समारोह के अंतर्गत 61,683 नई बहुओं ने ससुराल में फार्म-8 भरा और मतदाता बनी।
  5. 1 अक्टूूबर 2023 को 18 वर्ष पूर्ण करने वाले 60 हजार युवा इस बार विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे।

फैक्ट फाइल

छत्तीसगढ़ में कुल मतदाता- 1.97 करोड़

महिला मतदाता- 98.7 करोड़

पुरुष मतदाता-98.2 करोड़

सर्विस मतदाता- 19654

पहली बार मत देने वाले युवा (18-19 वर्ष के बीच)-4.43 लाख

80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता-2.02 लाख

दिव्यांग-1.47 लाख

ट्रांसजेंडर-762

बूथ- 24109

(नोट-आंकड़े निर्वाचन कार्यालय छत्तीसगढ़ के मुताबिक 24 अगस्त 2023 तक)

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