गरियाबंद: जनपद पंचायत सीईओ डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ACB की टीम ने रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। जहां डिप्टी कलेक्टर को बोरवेल का बिल पास कराने के एवज में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
ग्राम पंचायत चिखली, मालगांव और मजरकटा में 15वें वित्त से 4 बोरवेल खनन के लिए पहली किस्त 3 लाख निकलवाना था। इसके लिए 20 हजार रुपए की मांग करुण डहरिया ने की थी। कांग्रेस नेता शफीक खान से जनपद पंचायत सीईओ करुण डहरिया ने 30 अक्टूबर ये रकम मांगी थी। कांग्रेस नेता शफीक खान ने पैसा देने की बात कही थी। शफीक खान ने ACB से इस बात की शिकायत की।
जिसके बाद एसीबी ने उसे 20 हजार रुपए देकर जनपद पंचायत सीईओ करुण डहरिया के पास भेजा। जब शफीक ने अधिकारी को पैसा दिया, तो तुरंत एसीबी अधिकारी वहां पहुंचे और पैसे को जब्त कर लिया।
डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया ने 7 महीने पहले ही जनपद पंचायत सीईओ के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उनके खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। करुण डहरिया मूल रूप से कोरबा जिले के रहने वाले हैं। वे 2019 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग जांजगीर-चांपा में SDM के रूप में हुई थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर पामगढ़ SDM के तौर पर हुआ था। तीसरी पोस्टिंग के तौर पर वे गरियाबंद आए, जहां वे जनपद पंचायत सीईओ के रूप में कार्यरत हैं।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी करुण डहरिया पहले भी विवादों में रह चुके हैं। जब वे जांजगीर-चांपा के पामगढ़ में SDM थे, तब उन्होंने छात्रों का ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया था और उन्हें पुलिस बुलाने की धमकी दी थी। यहां तक कि उन पर छात्रों को थप्पड़ मारने की धमकी देने का भी आरोप लगा था। ये छात्र पामगढ़ के सबसे पुराने स्कूल के हिंदी माध्यम को बंद नहीं करने की मांग कर रहे थे।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पामगढ़ में हिंदी मीडियम को बंद कर यहां स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाने को लेकर यहां के छात्र एसडीएम करुण डहरिया के पास आए थे।