ताज़ा खबर
Home / देश / घायल जवानों ने लगाया आतंकियों को ठिकाने, वीरता पदक से सम्मानित जांबाजों की कहानी

घायल जवानों ने लगाया आतंकियों को ठिकाने, वीरता पदक से सम्मानित जांबाजों की कहानी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट के जरिए सीआरपीएफ को शुभकामनाएं दी। उन्होंने लिखा, सीआरपीएफ के सभी कर्मियों और उनके परिवारों को स्थापना दिवस की बधाई। इस फोर्स ने अपने अदम्य साहस और विशिष्ट सेवा के जरिए खुद को प्रतिष्ठित किया है। सुरक्षा चुनौतियों या मानवीय चुनौतियों से निपटने में सीआरपीएफ की सराहनीय भूमिका रही है…

सीआरपीएफ ने 84वें स्थापना दिवस पर अधिकारियों और जवानों की वीरता का सम्मान किया है। वसंत कुंज स्थित शौर्य सीआरपीएफ अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान में बुधवार को आयोजित अलंकरण समारोह में 107 अधिकारियों एवं जवानों को वीरता पदक प्रदान किए गए। इनमें से कई जांबाज ऐसे थे, जिन्होंने खुद घायल होने के बावजूद आतंकियों को ठिकाने लगा दिया। कुछ ऐसे जवान भी रहे, जिन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश के लिए अपनी शहादत दे दी। इन शहीदों का वीरता पदक उनकी पत्नियों यानी वीर नारियों ने ग्रहण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट के जरिए सीआरपीएफ को शुभकामनाएं दी। उन्होंने लिखा, सीआरपीएफ के सभी कर्मियों और उनके परिवारों को स्थापना दिवस की बधाई। इस फोर्स ने अपने अदम्य साहस और विशिष्ट सेवा के जरिए खुद को प्रतिष्ठित किया है। सुरक्षा चुनौतियों या मानवीय चुनौतियों से निपटने में सीआरपीएफ की सराहनीय भूमिका रही है। डीजी कुलदीप सिंह ने अधिकारियों और जवानों को वीरता पदक प्रदान किए।

आमने-सामने की लड़ाई में आतंकी को मार गिराया

23 जून 2020 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों की उपस्थिति की सूचना मिलने पर 182वीं बटालियन सीआरपीएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एक संयुक्त घेराबंदी एवं तलाशी अभियान चलाया। अभियान के दौरान अचानक एक आतंकवादी ने भीषण गोलीबारी शुरू कर दी। तभी दल में सबसे आगे चल रहे हवलदार काले सुनील दत्तात्रेय ने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की बिल्कुल परवाह किए बिना, आमने-सामने की लड़ाई में उस आतंकवादी को मार गिराया। छिपे बैठे एक अन्य आतंकवादी ने हवलदार काले सुनील दत्तात्रेय पर हमला कर दिया। इस हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने आतंकवादी पर जवाबी हमला जारी रखा। इसी दौरान त्वरित कार्रवाई करते हुए निरीक्षक जमाल अहमद, हवलदार रघुनंदन सिंह एवं सिपाही गुलशन सिंह ने उस आतंकवादी को मार गिराया। इस अभियान में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दो खूंखार आतंकियों को मार गिराया गया। हवलदार काले सुनील दत्तात्रेय ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी धर्मपत्नी वीर नारी अर्चना सुनील काले ने वीरता पदक ग्रहण किया। निरीक्षक जमाल अहमद, हवलदार रघुनंदन सिंह और सिपाही गुलशन सिंह को भी वीरता पदक से नवाजा गया।

18 मार्च 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान सीआरपीएफ की 231वीं वाहिनी अरनपुर-समेली एक्सिस पर तैनात थी। तभी माओवादियों ने घने जंगल में छुपकर इस दल पर भीषण हमला कर दिया। चारों तरफ भयंकर आईईडी विस्फोट होने लगे। गोलियों की बौछार के बीच हवलदार शशिकांत ने अपने प्राणों की परवाह किए बगैर माओवादियों के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। हवलदार प्रवीण कुमार सिंह के साथ मिलकर तीन माओवादियों को मार गिराया। हवलदार शशिकांत घायल हो गए, किंतु उन्होंने अंतिम सांस तक अपनी लड़ाई जारी रखी। माओवादियों के सुनियोजित हमले को विफल करते हुए वे अंततः वीरगति को प्राप्त हुए। उच्च कोटि के पराक्रम, अतुलनीय शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। उनकी धर्मपत्नी वीर नारी अनीता तिवारी ने यह सम्मान ग्रहण किया। हवलदार प्रवीण कुमार सिंह को भी सम्मान से नवाजा गया।24 अप्रैल 2017 को छत्तीसगढ़ के दुर्गापाल जगरगुंडा एक्सेस पर सड़क निर्माण में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ की 74वीं वाहिनी की टुकड़ी पर बुर्कापाल गांव के नजदीक माओवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। अचानक हुई इस भीषण गोलीबारी में टुकड़ी कमांडर निरीक्षक रघवीर सिंह और सिपाही अभय मिश्रा माओवादियों के हमले का मुंहतोड़ जवाब देते रहे। तभी माओवादियों ने दूसरी ओर से भीषण विस्फोट के बाद गोलियों की बौछार शुरू कर दी। इस हमले में निरीक्षक रघवीर सिंह और सिपाही अभय मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए। वे दोनों अपने दल का हौसला बढ़ाते रहे। उनके अंतिम शब्द थे, ‘तुम लोग मोराल मत डाउन करना, हम लड़ेंगे’। निरीक्षक रघुवीर सिंह और सिपाही अभय मिश्रा वीरगति को प्राप्त हुए। इसी अभियान में सिपाही अंजनी कुमार पांडे ने अतुलनीय वीरता का प्रदर्शन किया। अभियान दल द्वारा दो माओवादियों को मार गिराया गया। शहीद निरीक्षक रघवीर सिंह की धर्मपत्नी वीर नारी बलजीत कौर ने वीरता पद प्राप्त किया। शहीद सिपाही अभय मिश्रा की धर्मपत्नी वीरनारी रानी मिश्रा ने पदक ग्रहण किया। सिपाही अंजनी कुमार पांडे को भी वीरता पद से सम्मानित किया गया।

16 मई 2019 को जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों की उपस्थिति की सूचना मिलने पर 178 बटालियन सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान चलाया। अभियान के दौरान सेब के बागान के नजदीक आतंकवादियों की उपस्थिति की पुष्टि हुई। बिना समय गवाएं अनिल कुमार वृक्ष कमांडेंट, अपनी टीम के साथ संदिग्ध क्षेत्र में पहुंचे और घेराबंदी कर दी। आमने-सामने की मुठभेड़ में तीन दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराया गया। अनिल कुमार के अलावा हवलदार प्रकाश चंद्र पांडा और सिपाही दीवाते योगेश लहू को वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। 21 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर थाना क्षेत्र में कुछ आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर 92 बटालियन और 177 बटालियन ने एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। आतंकवादियों के छिपने के स्थान पर दल पहुंचता, उससे पहले स्थानीय नागरिकों द्वारा पत्थरबाजी शुरू कर दी गई। बिना विचलित हुए सीआरपीएफ के अभियान दल ने आतंकवादियों के छुपने के स्थान की पहचान की। भीषण मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन के तीन दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराया गया। इस अभियान में इनके द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस एवं अतुलनीय पराक्रम के लिए हवलदार शिव मुरत सिंह, सिपाही मनोज कुमार और सिपाही आशिफ नवाज को वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।

About jagatadmin

Check Also

अरविंद केजरीवाल के PA पर लगा मारपीट का आरोप, CM हाउस पहुंची पुलिस

नई दिल्ली : – आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *