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निगम कर्मचारियों का वेतन भुगतान कमीशन खोरी में बंदर-बांट?….

भिलाईः- छत्तीसगढ़ राज्य में भूपेश सरकार की राज में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार जारी है ’’लूट सको तो लूट लो’’ की तर्ज पर लूट जारी है। चाहे नगर पालिका हो कोयला खनन, स्वास्थ्य विभाग,खनिज विभाग हो,पी.डब्लू.डी.हो हर स्तर पर बड़े-बडे़ अधिकारियों के बीच होड़ मची हैं।
जहॉं जिले के बड़े अधिकारियों निगमों के अन्य विभागों के प्रषानिक अधिकारियों का आम जनता का अटूट विश्वास रहता था, अब विश्वास टूटने लगा हैं। कारण है कि, विकास के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार कमीशन खोरी जारी हैं।

आई.एस.अधिकारी,आई.पी.एस.अधिकारियों के यहॉं करोड़ो रूपये की नगदी सोने चांदी हीरे बरामद हो रहे हैं। ईडी के छापे से प्रदेश में रोज भ्रष्टाचार कमीशन के पोल खुलते जा रही है।  वही राजनीतिक पार्टियां पक्ष-विपक्ष एक दूसरे के सामने पोल खोलना जारी हैं। भिलाई निगम में भ्रष्टाचार कमीशन खोरी के चक्कर में कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं मिला दो माह होने जा रहा है।

कर्मचारी मद के वेतन को दूसरे मद में करोड़ों की अधिक राशि भुगतान पूर्व कमीशनर ने कमीशन के चक्कर में कर दिया।
कर्मचारियों को खाने के लाले पड़ रहे हैं। क्या यही विकास कार्य हैं?…. इन्ही तमाम शिकायतों को लेकर आयुक्त लोकेश चंद्राकर को निगम से दुर्ग स्थानातारंण कर दिया गया हैं।

उल्लेखनीय है कि, महापौर परिषद की बैठक में निगम अधिकारी कर्मचारी को संचित निधि से वेतन देने का निर्णय लिया गया हैं। यह निर्णय लेने के पहले ही कर्मचारियों को सही समय में सितम्बर-अक्टूबर का वेतन भुगतान कर दिया जाता तो ऐसा निर्णय क्यों लेना पड़ता? यह भी समझ से परे है। यह एक अपराधिककृति की भूमिका हो सकती हैं। इसकी जांच होनी चाहिए दोषियों के उपर कार्यवाही हो ताकि मासिक वेतन भुगतान को राशि का बंदर बांट न हो निगम के विभागों में कर्मचारियों को भी अक्रोश देखा जा रहा हैं।

निगम क्षेत्र के विकास कार्य पूरी तरह साफ-सफाई के नाम से करोड़ों रूपये खर्च किया जा रहा है। कहॉं सफाई हो रही है, इसका कोई हिसाब नहीं है। सिर्फ व्यवसायिक क्षेत्रो के अलावा सफाई बंद है। साफ-सफाई के नाम से पैसो का बंदर-बाट किया जा रहा कौन सी एजेंसी है क्या वह एजेंसी स्वछता के नाम से कार्य कर रही। एजेंसी सक्षम है या नहीं यह चर्चा का विषय हैं। जिस एजेंसी को ठेका दिया गया हैं। वरिष्ठ अधिकारियों राजनीतिक पहुॅंच वाले का संरक्षण प्राप्त है।

निगम परिसर से लगा हुआ रास्ते में बड़े-बड़े गडृं में में पानी भरा रहता है। गंदगी फैली है। इससे प्रशासनिक पोल खुल रही है। और निगम की छवि भी खराब हो रही हैं। निगम कार्यालय में प्रतिदिन हजारां लोगों का आना- जाना बना रहता है निगम की व्यवस्था को देखकर मजाक उड़ाते हैं। यही है निगम भिलाई स्वछता रैंक से कोसो दूर गढृ, कीचड़ गंदगी रहित सड़को में संभलकर चलना निगम को बोर्ड लगा देना चाहिए ऐसे लोगों को कहना है।  साफ-सफाई के नाम से भी लूट खसोट जारी कहा सफाई होती है कुछ पता नहीं चलता है। व्यवस्था चरमरा गई है।
देखना है कि आईएस अधिकारी नियुक्ति होने से निगम की भ्रष्टाचार छवि सुधरेगी या विकास कार्यों में रोड़ सुधरगी?….

 

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