कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर निजी अस्पताल परिवार वालों को परेशान कर रहे हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन की आड़ में लूट मची हुई है। अनावश्यक इंजेक्शन की मांग पर अब स्वास्थ्य विभाग भी सख्त हो गया है। रायपुर की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने निजी अस्पतालों को चेतावनी दे दी है। पत्र लिखकर कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की अनावश्यक रूप से क्यों मांग की जा रही है।सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने जिले के सभी निजी डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल के संचालकों को पत्र लिखकर कोविड-19 उपचार में रेमडेसिविर इंजेक्शन की अनावश्यक मांग एवं उपयोग के संबंध में ध्यान आकर्षित किया है और मरीजों को उचित सलाह देने के निर्देश दिए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि निजी चिकित्सालयों में कोविड-19 उपचार में इजेक्शन रेमडेसिविर की अनावश्यक मांग एवं उपयोग की बात संज्ञान में आई है। यह भी संज्ञान में आया है कि कोविङ-19 मरीजों को ओपीडी में बुला कर रेमडेसिविर लगाया रहा है। कोविङ-19 मरीजों को इस रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाना हैं।
ऐसे मरीज जिनका सेचुरेशन 94-95 प्रतिशत है, उन्हे भी इंजेक्शन के लिए पर्ची लिखकर भेजा जा रहा है।
क्या ऐसे मरीजों को रेमडिसिविर की आवश्यकता है? मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि ऐसी शिकायतें मरीज एवं परिजनों के द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा है कि आपके स्वास्थ्य संस्था से ऐसी शिकायतें आने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए संस्था की मान्यता को निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।