कोरोना महामारी ने हम सभी को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने के महत्व को अच्छी तरह से समझा दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जिन लोगों की इम्यूनिटी मजबूत होती है, उनमें कोरोना जैसे तमाम तरह के संक्रमणों का कोई प्रभाव नहीं होता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए ज्यादातर लोगों ने अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने की कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। कोई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को प्रयोग में ला रहा है तो कोई विटामिन की गोलियों का सेवन कर रहा है।
आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति में कई ऐसी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं जो न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद कर सकती हैं, साथ ही यह शरीर को कई तरह के रोगों से भी बचा सकती हैं। इस लेख में हम ऐसी ही एक दिव्य औषधि ‘ब्राह्मी’ के बारे में जानेंगे। ब्राह्मी का सेवन सदियों से कई तरह के स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता रहा है।
एंटीऑक्सिडेंट को शामिल करना प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने का शानदार तरीका हो सकता है। एंटीऑक्सिडेंट, मुक्त कणों के कारण शरीर के कोशिकाओं को होने वाली क्षति से बचाने में मदद करते हैं। मुक्त कणों के कारण हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ब्राह्मी में पाया जाने वाला बैकोसाइड नामक सक्रिय संघटक, मुक्त कणों को बेअसर कर सकता है। इसके अलावा ब्राह्मी का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देने में भी काफी सहायक माना जाता है। प्राकृतिक गुण साइक्लोजेनेसिस, कैसपेज़ और लिपोक्सीजेनेस जैसे एंजाइमों को रोकने में मदद करती हैं। यह सभी एंजाइम दर्द और सूजन पैदा करने का कारण हो सकते हैं।
इन गुणों को देखते हुए वर्षों से ब्राह्मी का सेवन गठिया जैसी इंफ्लामेशन यानी सूजन की बीमारियों में लाभ के लिए किया जाता रहा है। कोरोना के कारण भी शरीर में इंफ्लामेशन की समस्या देखने को मिल रही है, ऐसे में कोरोना में भी ब्राह्मी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। कुछ एंजाइमों को सक्रिय कर देता है। यही कारण है कि इसे तनाव और चिंता को कम करने में मददगार औषधि के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा कोर्टिसोल हार्मोन (तनाव पैदा करने वाले हार्मोन) के स्तर को कम करने के साथ यह औषधि मूड को ठीक रखने में भी सहायक हो सकती है। ब्राह्मी में मौजूद गुण शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ा देते हैं। सेरोटोनिन को ‘फील गुड हार्मोन’ के रूप में भी जाना जाता है। उल्लेखनीय स्वास्थ्य लाभ यह है कि यह औषधि आपके कौशल और एकाग्रता में सुधार करने के साथ दिमाग को तेज बनाने में मददगार मानी जाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि छह सप्ताह तक दिन में दो बार (300 मिलीग्राम / खुराक की मात्रा में ) ब्राह्मी का सेवन करने वाले लोगों में मस्तिष्क संबंधी कई सुधार देखने को मिला। ब्राह्मी डेंड्रिटिक कोशिकाओं को भी मजबूती देती है। डेंड्रिटिक, मस्तिष्क में मौजूद तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं जो चीजों को याद रखने और सीखने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती हैं।