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भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकाचल में हो रहे अवैध खनन के विरोध में साधु-संत आंदोलन पर उतर गए हैं। विरोध जताने के लिए बुधवार को बड़ी संख्या में साधु-संत जुटे। इस दौरान आंदोलन स्थल पर एक संत ने आग लगा ली। गंभीर रूप से झुलसे संत को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
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अवैध खनन के विरोध में मंगलवार सुबह बाबा नारायण दास टावर पर चढ़ गए। जिसके बाद उन्होंने पूरी रात टावर पर गुजारी। बाबा नारायण दास को टावर पर ही ग्लूकोज और अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। वहीं रातभर मौके पर पुलिस जाप्ता तैनात रहा।
इसके बाद बुधवार सुबह बड़ी संख्या में साधु-संत पासोपा में आंदोलन स्थल पर जुट गए। इसी दौरान सुबह करीब 11.30 बजे एक संत विजयसदास (65) ने धरनास्थल के पीछे जाकर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली।
पुलिस बल तैनात
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और अन्य लोगों ने तुरंत आग बुझाई और संत विजयदास को डीग के स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचे। संत को प्राथमिक इलाज के बाद आरबीएम जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। वहीं अस्पताल के बाहर संतों का जमावड़ा लगा हुआ है।
आत्मदाह की कोशिश करने वाले संत विजयदास गांव पासोपा के मंदिर पर ही रहते हैं। दूसरी ओर बाबा नारायण दास अभी तक टावर पर ही बैठे हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
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