ताज़ा खबर
Home / देश / PM मोदी ने अलीगढ़ को दिया सौगात

PM मोदी ने अलीगढ़ को दिया सौगात

नई दिल्ली उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अलीगढ़ में रैली कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है। उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। जाट समुदाय से आने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह के योगदान को सामने लाकर बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तरफ नजरें जाट वोट बैंक पर हैं जिनका प्रदेश की 100 से ज्यादा सीटों पर प्रभाव है, तो दूसरी तरफ सत्ताधारी दल ने यह जताने की भी कोशिश की है कि कांग्रेस की सरकारों ने देश की ऐसी महान विभूतियों को भुला दिया और अब उन गलतियों को सुधारा जा रहा है।

गौर करने वाली बात यह है कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन से जाटों समेत पूरे ओबीसी समुदाय और मुस्लिमों को भी साधने की कोशिश की। पीएम मोदी ने जाट राजा की बात करते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का भी जिक्र कर दिया। हाल ही में उनका निधन हो गया था। पीएम ने कहा, ‘जब कोई शुभ काम होता है तो हमें अपने बड़े जरूर याद आते हैं।

मैं आज इस धरती के महान सपूत स्वर्गीय कल्याण सिंह जी की अनुपस्थिति बहुत ज्यादा महसूस कर रहा हूं। आज कल्याण सिंह जी हमारे साथ होते तो राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय और डिफेंस सेक्टर में बन रही अलीगढ़ की नई पहचान को देखकर बहुत खुश हुई होते। उनकी आत्मा जहां भी होती, हमें आशीर्वाद देती होगी।’ कल्याण सिंह अलीगढ़ जिले की अतरौली तहसील के मढौली गांव के ही रहने वाले थे।किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में बीजेपी मुस्लिम और जाट समीकरण को हल्के में लेना नहीं चाहती। जाट राजा के नाम पर विश्वविद्यालय लाकर बीजेपी 102 सीटों को साधना चाहती हैं जहां यूपी विधानसभा चुनाव में जाट वोटों का प्रभाव है। किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी यूपी में बीजेपी की लोकप्रियता में कुछ कमी देखी जा रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में वेस्ट यूपी की 136 सीटों में से बीजेपी ने 102 सीटें जीती थीं, इस आंकड़े को बीजेपी कमजोर नहीं होने देना चाहेगी। यहां पर लगभग 17 फीसदी वोट बैंक जाटों का है। किसान आंदोलन से बीजेपी का यह वोट बैंक बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

जब चर्चा जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह की हो रही थी तो पीएम ने बीजेपी के कद्दावर नेता और राममंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले अपने तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को अचानक ही याद नहीं किया। दरअसल, कल्याण सिंह बीजेपी के लिए हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे हुआ करते थे। कुछ महीने बाद यूपी के चुनावी समर को जीतने के लिए बीजेपी को ओबीसी वोटों को भी साधने की जरूरत है। कल्याण सिंह बीजेपी के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बताए जाते हैं जो ओबीसी समाज से थे।

जिनकी आबादी सेंट्रल यूपी से पश्चिम यूपी तक फैली हुई है। पिछड़ों की आबादी में यादवों और कुर्मी के बाद तीसरे नंबर पर इसी समाज की संख्या बताई जाती है। यादवों को भले ही सपा और दलितों को बसपा का पारंपरिक वोटर बताया जाता रहा हो पर बीजेपी की यह कोशिश होगी कि वह दूसरे ओबीसी समाज को अपनी तरफ कर ले।

वैसे भी, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव लड़कर बीजेपी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इस बात को गलत साबित किया है कि उसे यादव, मुस्लिम, दलित या दूसरे पारंपरिक वोटबैंक समझे जाने वाले समुदाय से वोट नहीं मिल सकते।

दरअसल, पहले बीजेपी पर आरोप लगते थे कि वह बनिया और ब्राह्मणों की पार्टी है। अब भी इन दोनों जातियों के वोट उसे मिलते हैं पर चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने सबसे ज्यादा ओबीसी वोटबैंक पर ही फोकस किया है।

  • सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत ओबीसी हैं
  • दलितों की आबादी 20.8 प्रतिशत है
  • तीसरे नंबर पर मुसलमान 19 फीसदी हैं
  • 12 प्रतिशत ब्राह्मणों की आबादी हैं
  • ठाकुर 8 फीसदी हैं

इन आंकड़ों से साफ है कि बीजेपी यूं ही ओबीसी वोटबैंक को प्रमुखता नहीं दे रही है। ऐसे समय में जब किसान आंदोलन चल रहा है, डीजल-पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं, महंगाई को विपक्ष मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है, कोरोना महामारी से निपटने में पूरा संसाधन झोंक दिया गया है… पीएम मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के नारे के साथ सभी समुदायों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। अलीगढ़ में भी जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो कई पार्टियों की धुकधुकी बढ़ा गए।

About jagatadmin

Check Also

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत कब, जानें तिथि, पूजाविधि और नियम

Vat Savitri Vrat 2024 Kab Hai: वट सावित्री व्रत, जिसे सावित्री अमावस्या या वट पूर्णिमा के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *