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पार्लर में हेयर वॉश के बाद महिला हुई स्ट्रोक की शिकार

हैदराबाद:   एक अजीब मामला सामने आया है। जहां पर एक 50 वर्षीय महिला ब्यूटी पार्लर में हेयर कट करवाने के लिए गई। बालों को धोने के लिए जैसी ही महिला पीछे गर्दन झुकाकर बैठी, तो उसे चक्कर आने लगे। जिसके बाद उसे उल्टी की समस्या शुरू हो गई। बाद में पता चला कि इस महिला को ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक आया है। आइए हम आपको बताते हैं कि ये कैसा सिंड्रोम है और इसके लक्षण क्या होते हैं।हाल ही में एक सीनियर कंसलटेंट ने ट्वीट कर इस बात की घटना के बारे में जानकारी दी है।

उन्होंने इसे ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम बताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि हाल ही में मैंने एक महिला को देखा जिसे पार्लर में शैंपू करने के दौरान अचानक अटैक आ गया था। शुरुआत में महिला को ग्रेस्ट्रोएंट्रोलाॅजिस्ट के पास ले जाया गया, लेकिन उसकी तबीयत में कोई भी सुधार नहीं हुआ। दब M.R.I हुई तो पता चला कि महिला को स्ट्रोक हुआ था। हालांकि अब महिला खतरे से बाहर है। वहीं महिला दो-तीन हफ्ते में ठीक हो जाएगी।

दरअसल महिला को पीछे झुकाए रखने से सेरिबैलम में खून का थक्का जम गया था। सेरिबैलम मस्तिष्क का एक हिस्सा होता है। ये सिर के पीछे की ओर होता है। इससे रीढ़ की हड्डी भी जुड़ी होती है। हम बालों को धुलवाने के लिए सिर को पीछे की ओर करते हैं, तो गर्दन के खिचने से दिमाग तक ऑक्सीजन का सर्क्यूलेशन कम हो सकता है।

इसकी वजह से रक्त वाहिकाएं फट सकती हैं, जिससे रक्त का थक्का बन सकता है, जो आपके मस्तिष्क तक जा सकता है और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। शरीर का जो अंग मस्तिष्क के नियंत्रण में होता है, उसे ऑक्सीजन नहीं मिलती और वह भी क्षतिग्रस्त हो जाता है।

पार्लर में जिस 50 वर्षीय महिला को स्ट्रोक आया, उसने चक्कर आना, मतली और उल्टी जैसे लक्षणों का अनुभव किया था। कैलिफोर्निया के प्रोविडेंस सेंट जॉन्स हेल्थ सेंटर के एक न्यूरोलॉजिस्ट क्लिफोर्ड सेगिल, डीओ ने सेल्फ पत्रिका को बताया कि ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम के शुरुआती चेतावनी संकेत एक विशिष्ट स्ट्रोक से थोड़े अलग होते हैं।

दूसरे शुरुआती संकेतों में आपके हाथों में अस्थिरता, माइग्रेन में होने वाला सिरदर्द, दृष्टि की हानि या धुंधला दिखना, गर्दन में सूजन और स्वाद में बदलाव शामिल हैं। आम स्ट्रोक से जो लक्षण मिलते हैं, उनमें सुन होना, संतुलन का बिगड़ना, बोलने में मुश्किल आना, कमज़ोरी, बेहोश होना और अचानक व्यवहार में बदलाव आना।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में न्यूरोलॉजी के असोसिएट प्रोफेसर, एमडी, अनीश सिंघल ने कहा कि इस तरह का स्ट्रोक लोगों को तब भी आ सकता है, जब वे डेंटिस्ट से इलाज करवा रहे हों, टेनिस खेल रहे हों, कायरोप्रेक्टीशनर और यहा तक कि योग करते हुए। हालांकि, डॉक्टर्स का मानना है कि इस तरह का सिंड्रोम बिल्कुल भी आम नहीं है। यह उन लोगों में देखा जाता है जो कनेक्टिव टिशू बीमारी से जूझ रहे हैं या फिर किसी कमज़ोरी से जिसके बारे में वे नहीं जानते हैं।

डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह का स्ट्रोक आम घटना नहीं है। इसलिए इससे बचने के लिए आपको पार्लर से दूरी नहीं बनानी है। कोशिश करें कि आपकी गर्दन 10 से 15 से ज़्यादा देर तक गलत पोज़ीशन में न रहे। पार्लर में हेश वॉश कराते वक्त गर्दन पर सपोर्ट रहे ताकि खिंचाव न हो। सलोन में आप गर्दन पर कुशन या तौलिया लगा सकते हैं।

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