



प्रयागराज: मौजूदा सरकार में मंत्री पद आसीन नंद गोपाल गुप्ता को नौ साल पुराने मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दोषी मंत्री नंदी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने एक साल के कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने की स्थिति में नंदी को 10 दिन और कारावास में बिताना होगा। मामला साल 2014 का है, जब लोकसभा चुनाव के दौरान मंत्री नंदी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मुट्ठीगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।
मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को कोर्ट से सजा होने के बावजूद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद नहीं होगी। दरअसल, सांसदों और विधायकों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट होती है। अगर किसी मामले में मौजूदा विधायक अथवा सांसद को 2 साल या उससे अधिक की सजा होती है तो सदस्यता रद होती है अन्यथा नहीं। ऐसे में नंदी की सदस्यता नहीं जा सकती।
क्या था मंत्री नंदी पर आरोप
गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रयागराज के थाना मुट्ठीगंज में नंद गोपाल गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। नंदी पर आरोप लगा था कि नंदी ने अपने समर्थकों संग मिलकर तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह पर जनसभा के दौरान हमला किया। जनसभा 3 मई 2014 को आयोजित की गई थी। उस साल नंदी कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे।
एफआईआर के अनुसार, नंदी ने अपने समर्थकों को उकसा दिया था, जिसके बाद हिंसक हुए समर्थकों ने सपा कार्यकर्ताओं पर लाठी-डंडों से हमला बोला था। इस हमले में कई सपा समर्थकों को चोट आई थी। रेवती रमण की एफआईआर के बाद नंदी व उनके समर्थकों ने क्राॅस एफआईआर भी दर्ज करवाई थी।