



नगर पालिक निगम में विकास कार्यों के नाम भ्रष्ट््राचार को बढ़ावा
भिलाई-छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ा नगर पालिक निगम में विगत कई वर्षों से विकास कार्य के नाम पर न के बराबर किया गया विकास के नाम पर करोड़ों रूपये का भ्रष्ट््राचार फर्जीवाड़ा कागजों फाइलों में किया गया निगम क्षेत्र कई स्थानों वर्षों से रोड़ सड़के नालीयो का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा देखने को मिलता पटरी के पार हमेशा विकास कार्यों की उपेक्षा की जाती हैं। विकास कार्यों के नाम से सिर्फ तालाबों के नाम से सौंदर्यीकरण के नाम से प्रतिवर्ष करोड़ों रू. का भ्रष्ट्र्ाचार किया गया सेक्टर क्षेत्र कई ऐसे तालाबो का कार्य दिखावा के लिए किया गया हैं। जो पूर्व में कई बार किया जा चुका हैं। करोड़ों का मुक्त भी किया गया। कारण है कि निगम क्षेत्र प्रियदर्शनी परिसर दक्षिण गंगोत्री के सड़को में दस वर्ष से कोई डामरी करण कार्य नहीं करवाया गया सिर्फ पेज के कार्य कुछ हुआ हैं। जो अपूर्ण है। बरसात के पहले कई बड़े-बड़े गढ्ढ़ो से रोड डामरीकरण नहीं कराया गया वर्षा शुरू हो गयी हैं। हमेशा दुर्घटना की अंशका बनी रहती हैं। वही बरसात के समय टेन्डर का प्रकाशक किया गया है। अखिर कब कार्य होगें व बरसात में कितना कार्य होगा जो निगम प्रशासन के उपर प्रश्न चिन्ह लगने जैसा है चुनाव के समय पार्षदों ने बड़े-बड़े वादे किए गये मतदाताओं से खोखली सोवित हो रहा हैं।
वहीं विपक्षी पार्षदों का कहना है कि आयुक्त से बाबू में कार्य सत्ताधारी मनचाहा करवाते है फाइलों में भुगतान को लेकर भी दबाव बनाया जाता है। विकास कार्योें के नाम पर सूथ है। पीने के पानी को लेकर बड़े-बड़े दावे किये गये स्वच्छ पानी नागरिकों को मिलेगा लाखों करोड़ो खर्च करने के बाद भी हालत पहले जैसी हैं। सिर्फ समाचार पत्रों में फोटोसेसन का कार्य किया जा रहा है। पूर्व महापौर भी बड़े दावे किये वो भी खोखला साबित हुए निगम आयुक्त ने प्रशासनिक व्यवस्था काफी फेरबदल कर करवट सुधार लाने का प्रयास करते रहते हैें। लेकिन राजनीतिक संरक्षण मिलने से कई अधिकारी अपने कार्य के प्रति सजगता दिखाते नहीं दिखते है। विकास कार्यो के पूर्व में किये गये कार्यो को लेकर बिना कमीशन फाइले आगे नहीं बढ़ती जिससे समय ठकेदारों का भुगतान नहीं मिलपता ठेकेदारो का कार्य के प्रति रूचि नहीं दिखता। सफाई के नाम करोड़ो रूपए का फर्जीवाड़ा किया जा रहा साफ-सफाई के नाम नालियों में कचड़ा जता है जिसे अब निकाल कर नाम किया जा रहा हैं इसका मतलब है कि पूर्व के साफ-सफाई के नाम पर कोई कार्य नहीं किया गया । भ्रष्ट््राचार को बढ़ावा पैसों की बांबटी की गयी हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वयं आयुक्त को खड़े होकर कई जगहों पर सफाई कार्य कराते हुए देखा गया। पी.आरो द्वारा रिलीज जारी कर बताया जाता है। निगम प्रशासन को चाहिए कि सबसे पहले विकास कार्यो को प्राथमिकता के तौर पर चरण वहुयोजना के तहत करवाना चाहिए जहां प्रतिदिन हजारों लोगों का रोड बड़े को आवागमन हो। जिससे आम नागरिको को मूल भूत सुविधा मिले और मुहइंया हो सके कि तलाबों के नाम पर करोड़ो रूपए निजी स्वार्थ केवल खर्च कर जेब भरी जाए जनता के पैसो से कठार घात जैसा होगा।
जानकारी के अनुसार सुविधा नियुक्ति को लेकर निगम बहुत बड़ा खेल चल रहा है। मलाईदार विभागों में पूर्व की तरह वर्तमान में बड़े पदों में बैठकर मलाई खा रहे हैं। इससे मुधार को बढ़ावा दिया जा रहा है। नए अवसर देरो जमा को देने की जगह भ्रष्ट््राचार का खेला जा रहा है सरकार रोप्रकिया की बात करती है लेकिन सब कुछ वर्षोंके रहे है।