गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच छिड़ा संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों पक्षों के बीच मंगलवार को भी संघर्ष देखने को मिला। इजरायल ने फिर हवाई हमले के जरिये गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया तो इस आतंकी संगठन ने इजरायल में दर्जनों राकेट दागे। इजरायली हवाई हमले में एक छह मंजिली इमारत ध्वस्त हो गई। इसमें इस्लामिक यूनिवर्सिटी से संबद्ध लाइब्रेरी और शैक्षिक केंद्र थे। इस बीच, इजरायली पुलिस ने बताया कि गाजा पट्टी की ओर से दक्षिणी इजरायल में हुए राकेट हमले में दो थाई कर्मचारियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास और इजरायल के बीच दस मई से संघर्ष चल रहा है। यह संघर्ष उस समय शुरू हुआ, जब आतंकी संगठन हमास ने फलस्तीनियों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में यरुशलम की ओर लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें दागी थीं। इजरायली सेना ने बताया कि उसने राकेट लांचर समेत 65 आतंकी ठिकानों पर बम बरसाए। हमास कमांडरों के घरों को भी निशाना बनाया गया। इस अभियान में 60 से अधिक लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। सेना ने कहा कि फलस्तीन आतंकियों ने 90 राकेट दागे। इनमें से 20 गाजा में ही गिर गए। इजरायली सीमा की ओर बढ़ रहे एक ड्रोन को भी मार गिराया गया।
संघर्ष रोकने की मांग को लेकर इजरायल, यरुशलम और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में रहने वाले फलस्तीन नागरिक मंगलवार को हड़ताल पर रहे। हालांकि इजरायल ने इनकी मांगों को खारिज कर दिया और कहा कि पूरे क्षेत्र में हमास हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।
इजरायली सेना ने बताया कि लेबनान से भी छह गोले दागे गए। इनमें से कोई भी सीमा पार नहीं कर सका। इसके जवाब में लेबनान में उन स्थानों पर जवाबी कार्रवाई की गई, जहां से गोले दागे गए थे। जबकि लेबनानी सूत्र ने बताया कि इजरायली तोपखाने से लेबनान में 22 गोले दागे गए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक के हवाई हमलों में 61 बच्चों और 36 महिलाओं समेत 212 फलस्तीनियों की मौत हुई है। जबकि इजरायल में एक बच्चे और एक सैनिक समेत दस की जान गई है।
फलस्तीनियों का पलायन
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों की एजेंसी ने बताया कि इजरायली हवाई हमले के चलते 52 हजार से अधिक फलस्तीनियों ने पलायन किया है। हमले से गाजा पट्टी में छह अस्पतालों और नौ प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर समेत करीब 450 इमारतें ध्वस्त या क्षतिग्रस्त हो गई हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और रॉकेट हमलों के खिलाफ इस देश के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने संघर्ष विराम के प्रयास का समर्थन किया है। इस मुद्दे पर मिस्र और दूसरे साझेदार देशों के साथ चर्चा की है। इजरायल को निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा है।’