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सांई प्रकाश की 10 करोड़ की प्रापर्टी होगी नीलाम, सभी कागजी कार्रवाई लगभग पूरी

रायपुर  करोड़ों की ठगी करने वाली फ्राड चिटफंड कंपनी सांई प्रकाश डेवलपमेंट की 10 करोड़ से ज्यादा की प्रापर्टी नीलाम होगी। राजधानी में पहली बार किसी चिटफंड कंपनी की इतनी प्रापर्टी मिली है कि उसकी कीमत दस करोड़ से ज्यादा है। सांई प्रकाश डेवलपमेंट कंपनी ने पैसे दोगुने होने का लालच देकर केवल राजधानी में ही 50 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा किया।

इन पैसों से शहर के पॉश इलाकों में थोक के भाव में प्राइम लोकेशन में दुकानें और प्लॉट खरीदे। कंपनी ने यह सभी प्रॉपर्टी राजधानी के बड़े बिल्डरों से खरीदी है। इस वजह से खरीदी के समय कोई विवाद भी नहीं हुआ। कलेक्टर ने अब इन संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस महीने के अंत तक यह सभी प्रॉपर्टी कुर्क हो जाएगी और मई में नीलाम कर दी जाएगी।

चिटफंड कंपनी की प्रापर्टी की नीलामी के बाद जो पैसे मिलेंगे, उन्हें उन पीड़ितों को बांटा जाएगा जिनके पैसे फ्राड कंपनी ने नहीं लौटाए हैं। पुलिस और जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सांई प्रकाश प्रापर्टी कंपनी के डायरेक्टर पुष्पेंद्र सिंह बघेल उनकी पत्नी पुष्पांजली बघेल, रणविजय सिंह बघेल, धीरेंद्र सिंह बघेल, शहेन्द्र सिंह बघेल और मृगेन्द्र सिंह शहडोल मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। इन्होंने फर्जी दस्तावेजों से सांई प्रकाश प्रापर्टी डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी बनाई।

रायपुर जिले के हर इलाके में अपने एजेंट तैनात किए और आम लोगों को पैसा जमा करने पर रकम पर ज्यादा ब्याज के साथ कम से कम समय में रकम दोगुनी होने का झांसा दिया। फ्राड कंपनी ने इतना आकर्षक ऑफर दिया कि लोगों ने जमकर रकम निवेश की। आम लोगों के साथ ही प्रोफेशनल्स ने भी कंपनी में जमकर पैसे लगाए। यही वजह है कि इस कंपनी से रकम वापसी के लिए 18,600 आवेदन तहसील में जमा हो चुके हैं।

रायपुर में फ्राड करने वाली चिटफंड कंपनियों में यह कंपनी टॉप फाइव में है। करोड़ों रुपए जमा होने के बाद कंपनी ने लोगों को पैसे लौटाने में हील-हवाला शुरू कर दिया। जिन लोगों की रकम वापसी का समय हो गया उन्हें भी पैसे नहीं लौटाए गए। लोगों का दबाव बढ़ा तो कंपनी के डायरेक्टर यहां से फरार हो गए। उनका भेद खुलने के बाद पीड़ितों ने कंपनी के डायरेक्टरों के खिलाफ आजाद चौक थाने में कई एफआईआर भी दर्ज है।

 34 दुकान समेत सभी प्रॉपर्टी पॉश इलाके में
चिटफंड कंपनी ने लोगों से ली गई रकम से शहर के बेहद पॉश और महंगे इलाकों में जमीन, दुकान की खरीदी की है। जो संपत्ति कुर्क की जा रही है उसमें अविनाश बिल्डर्स के भागीदार मुकेश सिंघानिया से खरीदी गई प्रॉपर्टी भी शामिल है। सांई प्रकाश के डायरेक्टरों ने छत्तीसगढ़ आटो केयर के पास राजकुमार कॉलेज परिसर की नजूल जमीन, इसी एक हिस्से में बने दो मंजिला भवन के दूसरे फ्लोर पर स्थित एक हजार वर्गफुट की दुकान खरीदी है। इसके साथ ही सुनील कुमार शर्मा की मोनिका रियल स्टेट के नाम टिकरापारा में 72,630 वर्गफुट जमीन खरीदी।

लालपुर रोड पर स्थित प्रोग्रेसिव प्वाइंट के पांचवें फ्लोर पर 34 दुकानें खरीदी हैं। इन दुकानों का नंबर 545, 546, 547. 548, 549, 550, 551, 552, 553, 554, 555, 556, 557, 558, 559, 560, 561, 534, 522, 522, 522, 522, 534, 522, 522, 522, 522, 1008, 522, 522, 522, 522, 522, 534 है। ये एक बड़ा कर्मशियल कांप्लेक्स है। इन सभी संपत्तियों के मूल्यांकन का काम शुरू हो गया है। प्रारंभिक मूल्यांकन में माना जा रहा है कि यह प्रॉपर्टी 10 करोड़ से भी ज्यादा कीमत की है।

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