



काशी: रेलवे स्टेशन पर दूर संचार विभाग में संकेत अनुरक्षक (सिग्नल मेंटेनर) राजीव रंजन (38), उनकी पत्नी अनुपमा (34) और बेटे हर्ष (ढाई साल) का शव रविवार को रेलवे कॉलोनी स्थित आवास पर पड़े मिले। इससे सनसनी फैल गई। तीनों के मुंह से झाग निकला था। सूचना पर आई पुलिस व फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए हैं।
मोबाइल फोन, कुछ बर्तन और सामानों को कब्जे में लिया गया। पति-पत्नी के मोबाइल की सीडीआर भी निकलवाई जा रही है ताकि मौत की असली वजह जानी जा सके। मृतकों का पोस्टमार्टम सोमवार को कराया जाएगा। पुलिस का कहना है कि आवास के जिस कमरे से शव बरामद किए गए, वहां अंगीठी जलती पाई गई। कमरे में धुआं भरा था। तीनों के मुंह से झाग भी निकल रहे थे। पति-पत्नी के मोबाइल फोन एक साथ फ्लाइट मोड पर डाले गए थे। फिलहाल, सभी एंगल पर जांच की जा रही है। नालंदा बिहार के तेलहड़ा थाना क्षेत्र के बदलपुर निवासी राजीव रंजन पटेल उत्तर रेलवे के काशी स्टेशन पर दूर संचार विभाग में संकेत अनुरक्षक (सिग्नल मेंटेनर) थे। स्टेशन के पास ही रेलवे कॉलोनी में आवास आवंटित था। पिछले 10 महीने से पत्नी अनुपमा और बेटे हर्ष के साथ इसी आवास में रह रहे थे।
मृतकों के परिजनों के मुताबिक, शनिवार की रात साढ़े आठ बजे के आसपास राजीव से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। रविवार सुबह सात बजे से काशी स्टेशन पर ही राजीव की ड्यूटी थी, लेकिन वह स्टेशन पर निर्धारित समय से नहीं पहुंच सके। इस पर सेक्शन इंजीनियर ने राजीव को फोन किया, लेकिन बात नहीं हो सकी।
लिहाजा, सेक्शन इंजीनियर ने एक कर्मचारी को राजीव के आवास पर भेज दिया। वहां पहुंच कर्मचारी ने करीब 30 मिनट तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद कर्मचारी ने सारी बात सेक्शन इंजीनियर को बताई, फिर उन्होंने आरपीएफ को सूचना दी।आरपीएफ की टीम ने किसी तरह दरवाजा खोला तो बेड पर राजीव, उनकी पत्नी अनुपमा और ढाई साल के बेटे के शव पड़े थे। कमरे के अंदर धुआं भी भरा था, लेकिन अंगीठी बुझ चुकी थी। एक साथ तीन शव मिलने की सूचना से सनसनी फैल गई। आदमपुर पुलिस व आरपीएफ की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की और मामले की सूचना मृतकों के परिजनों को दी। सूचना जैसे ही सार्वजनिक हुई, वैसे ही आसपास के लोग जुट गए। एडिशनल सीपी और एडीसीपी वरुणा जोन ने भी घटनास्थल पर जाकर जांच की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया।