छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश की खेती में लगातार नए प्रयोगों को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में सरकार ने रबी सीजन में मखाना की खेती को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मखाना की खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने और बीज से लेकर हर संभव मदद उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मखाने की बाजार में अच्छी मांग है। इसके भंडारण में भी समस्या नहीं है। किसानों को मखाने की खेती की जानकारी और प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।
साथ ही उन्हें मखाने के बीज की उपलब्धता से लेकर मखाने की बिक्री तक हर संभव प्रोत्साहन दिया जाएगा।
रविवार को सीएम हाउस में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किसानों से रबी मौसम में दलहन और तिलहनी फसलें लेने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां किसान तिलहनी फसल ले रहे हैं, वहां के गोठानों में तेलघानी की व्यवस्था व ऐसे क्षेत्र जहां किसान दलहनी फसल लेते हैं, वहां के गोठानों में दालों को दरने उनकी ग्रेडिंग और पैकेजिंग की व्यवस्था करें।
मखाना प्रसंस्करण केंद्र का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह केंद्र रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के ग्राम लिंगाडीह बना है। इसकी स्थापना ओजस फार्म ने किया है।
फार्म के गजेंद्र चंद्राकर ने बताया कि किसानों को मखाना की खेती के लिए निश्शुल्क तकनीकी जानकारी दी जाती है। मखाना प्रक्षेत्र का समय-समय पर भ्रमण कराया जाता है। खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि मखाने की खेती से प्रति एकड़ लगभग 70 हजार रुपये तक शुद्ध लाभ अर्जित किया जा सकता है।