



रायपुर:छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है। प्रदेश के दो हजार से ज्यादा शिक्षकों की पोस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। वहीं कई अफसरों को भी निलंबित किया गया था। मनचाही जगहों पर पोस्टिंग और अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई थी। पांच कमिश्नरों के नेतृत्व में बनाई गई समिति ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है। जिसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। पोस्टिंग निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है। बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग में पैसे देकर मनचाही जगहों पर पोस्टिंग लेने का खुलासा हुआ था।
छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग में पैसे देकर शिक्षकों ने अपनी मनचाही जगहों पर पोस्टिंग ले ली थी। साथ ही उन्हें प्रमोशन भी दिया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग ने आज सोमवार को आदेश जारी किया है जिसमें शिक्षकों को 10 दिनों के भीतर पुरानी जगहों पर वापस ज्वाइन करने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। शिक्षकों के तबादले को ही निरस्त किया गया है, लेकिन उनका प्रमोशन बरकरार रहेगा। इस मामले में 2206 शिक्षकों की पोस्टिंग रद्द की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए फैसले से शिक्षकों को कानूनी राहत से राहत मिलने की गुंजाइश नहीं के बराबर है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुमोदन के बाद यह फैसला लिया गया है।
कई अफसरों को किया गया है पहले ही किया गया है। निलंबित
स्कूल शिक्षा विभाग ने सात पन्नो का ऐसा आदेश तैयारी किया है जिससे शिक्षको को कानूनी राहत भी नहीं मिल सकेगी। इस मामले में विभाग ने 11 अधिकारियों को सस्पेंड भी किया है। इनमें रायपुर संभाग के के. कुमार तत्कालीन संयुक्त संचालक (शिक्षा) रायपुर, सीएस ध्रुव, जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार-भाटापारा, सहायक संचालक डीएस ध्रुव – संभागीय शिक्षा कार्यालय रायपुर, सहायक संचालक शैल सिन्हा, सहायक संचालक उषा किरण खलखो समेत कई अधिकारी शामिल हैं।
रायपुर संभाग के अलावा सरगुजा संभाग के हेमंत उपाध्याय- प्रभारी संयुक्त संचालक सरगुजा को भी निलंबित किया गया है और फिर गरियाबंद के प्रभारी डीईओ डीएस चौहान को भी ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाले में निलंबित किया गया है।