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मणिपुर बीजेपी को छोड़कर हाल ही में बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में महागठबंधन की सरकार सत्ता पर काबिज हुई है. इस झटके के बाद से बीजेपी भी राष्ट्रीय स्तर पर पूरी तरह सक्रिय नजर आ रही है और एक के बाद एक नीतीश कुमार की जेड़ीयू को तगड़े झटके भी दे रही है. बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के बाद अब मणिपुर में भी जेडीयू विधायकों ने नीतीश कुमार का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम दिया है.JDU के 6 में से 5 विधायक BJP में शामिल हो गए हैं. इस दलबदल से जेडीयू सकते में है तो बिहार में बीजेपी काफी खुश नजर आ रही है.
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बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी से बात की. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को टेंशन है कि मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश में उनकी पार्टी (जेडीयू) विलीन हो गई है. . जदयू का या तो विलय होगा या पार्टी विलीन हो जाएगी. जदयू के पास विलय या विलीन यही दो विकल्प बचे भी हैं.
सुशील मोदी ने इस दौरान कहा कि हमने आज तक किसी को भी न तोड़ा है न तोड़ने में विश्वास करते हैं. जदयू के लोगों ने बीते 15 सालों में कांग्रेस, राजद के लोगों को तोड़ने का काम किया है. उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर कोई पीएम के उम्मीदवार बन जाए तो उनको मुबारक….. ये नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर सकते हैं. इनकी समाज में क्रेडिबिलिटी नहीं है. जिस दल ने 10 साल में 7 बार अपने सहयोगी दलों को बदल दिया कभी इनके, कभी पुराने, कभी नए… बिहार में इनकी कोई विश्वसनियता नहीं है.
सुशील मोदी ने ये भी कहा कि दावेदारी करने क्या लगते हैं? ये जो दिन में सपना देख रहे हैं…. कभी केसीआर को बुलाते हैं… कभी किसी को… सपना चूर चूर हो जाएगा..ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब जेडीयू के विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. इसे लेकर जेडीयू ने नाराजगी भी जाहिर की है लेकिन विधायकों का पार्टी छोड़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
इससे पहले साल 2019 में जेडीयू के एनडीए में रहते हुए अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें से 6 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे.जेडीयू विधायकों के दलबदल को लेकर पार्टी काफी चिंतित है और इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए चिंतन और मंथन भी शुरू हो चुका है.
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