



रायपुर बहुचर्चित पोस्ट आफिस घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने मास्टरमाइंड आकांक्षा पांडेय को नोटिस जारी किया है। इसमें उसे 21 दिन लगातार थाने में जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने के साथ ही जांच में पुलिस का पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। बता दें कि आकांक्षा पांडेय करीब 13 महीने से फरार हैं। पुलिस ने उन पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है। इस मामले में पुलिस अभी तक दो आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। आकांक्षा अब तक थाने नहीं पहुंची हैं।
यह है पूरा मामला
बता दें कि पांच जुलाई, 2021 को सरस्वती नगर थाने में करीब 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। जांच में पता चला कि साल 2014 से 2021 तक आरोपित भूपेंद्र पांडेय और उनकी पत्नी ने खुद को पं. रविशंकर विश्वविद्यालय का एजेंट बताकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, वकील, अफसर और कुछ नेताओं को झांसे में लेकर करीब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूले थे। आरोपित भूपेंद्र ने यह रकम छिंदवाड़ा के चौरई निवासी प्रीतम सिंह ठाकुर के जरिए वसूली थी। आरोपितों ने सभी को बताया कि उन्होंने पैसे एफडी में जमा कर दिए हैं, लेकिन बाद में पता चला कि रकम डाकघर में जमा ही नहीं हुई है।
आत्महत्या के बाद खुला राज
तीन अप्रैल 2021 को घोटाले के मास्टर माइंड भूपेंद्र पांडेय की बिलासपुर के रेलवे ट्रैक पर लाश मिली तब पैसा देने वाले लोगों के सामने फर्जी एफडी का घोटाला सामने आया। भूपेंद्र की पत्नी आकांक्षा भी इस घोटाले में शामिल थीं। भूपेंद्र पांडेय की मौत की खबर सुनकर उसके पास पैसा जमा करवाने वाले एक-एक ग्राहक बैंक और डाकघर पहुंचे, तब वहां उन्हें पता चला कि पांच साल से उनके खाते में एक पैसे जमा नहीं किए गए थे। भूपेंद्र के पास पैसे जमा कराने वाले ग्राहकों ने अपनी पासबुक और एफडी के दस्तावेज दिखाए।
सरस्वती नगर थाना प्रभारी श्रृति सिंह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने आकांक्षा पांडेय की याचिका पर सुनवाई की है। कोर्ट के आदेश के अनुसार गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है।