वादा तो सिर्फ राम मंदिर, 370 और समान नागरिक संहिता का था न ?
पर 9 वर्ष मे तो..
- ईरान का ₹ 48,000 करोड़ ऋण चुकाया,
- संयुक्त आरब अमीरात का ₹ 40,000 करोड़ ऋण चुकाया,
- भारतीय ईंधन कंपनियों का ₹ 1,33,000 करोड़ घाटा पूरा किया,
- इंडियन एयरलाइंस का ₹ 58,000 करोड़ घाटा पूरा किया,
- भारतीय रेलवे का ₹ 22,000 करोड़ घाटा पूरा किया,
- बी.एस.एन.एल. का ₹ 1,500 करोड़ घाटा पूरा किया,
- देश का ₹ 2,50,000 करोड़ का विदेशी कर्ज ब्याज के साथ चुकाया,
- सेनाओं को आधुनिक संसाधन देकर उन्हें विश्वस्तरीय बनाया,
- 18,500 गांवों का विद्युतीकरण कराया,
- गरीबों को 9 करोड़ 59 लाख लोगो को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिया,
- हजारों किलोमीटर नई सड़कें बनाईं,
- युवाओं को ₹ 1,50,000 करोड़ के ऋण दिये,
- आयुष्मान भारत में 50 करोड़ नागरिकों के लिए ₹1,50,000 करोड़ की वैद्यकीय बीमा योजना आरंभ की,
- राम मंदिर भी बनवाया,
- 370 भी हटाई,
- कश्मीर को केंद्रशासित कर दिया,
- लद्दाख को अलग कर दिया,
- पाकिस्तान की हालत खजैले कुत्ते जैसी कर दी,
- CAA लागू किया,
- एक करोड तेरह लाख लोगो को ढाई लाख रुपये मकान बनाने को दिया,
- ग्यारह करोड घरों मे शौचालय बनवाया,
- मुफ्त के सिलेंडर दिये,
- किसान कर्जमाफी कर के देश की इकोनामी को खतरे में डाला, किसी का तुष्टीकरण नहीं किया।
भले लाखों कार्यकर्ता नाराज हुए, पर भाई भतीजावाद नहीं किया।
- इसके अतिरिक्त N.R.C. और N.P.R. समेत देश और नागरिकों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाओं पर काम चल रहा है….
लेकिन हमारे मन में गुस्से से बार-बार एक ही सवाल उठता है- “सोचने और मन से मंथन करने का विषय की क्या जमाना आ गया है,
एक वोट के बदले बस इत्ता सा ही….?
कुछ भी तो नहीं किया मोदी ने…”
मित्रों ! केवल बस केवल एक बार चिंतन करना कि मोदी के अलावा क्या है कोई लीडर जो इतने बड़े देश को सही नेतृत्व देने में सक्षम है !….