छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में स्थानांतरण और पदस्थापना में गड़बड़ी की शिकायत के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया में और अधिक कसावट लाने के लिए आदेश जारी किया है। आनलाइन स्थानांतरण कराने के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक को पत्र लिखकर गाइडलाइन तय कर दी है। इसके अनुसार अब स्थानांतरण में केवल वही प्रकरण प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें मुख्यमंत्री का आदेश प्रकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया होगा।
इसके अलावा अन्य कोई भी प्रकरण प्रस्तुत नहीं किए जाएंगे।स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला का कहना है कि अभी तो सारे स्थानांतरण मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही हो रहे हैं। आम स्थानांतरण की प्रक्रिया में बैन अभी नहीं खुला है। इस बैन को सामान्य प्रशासन विभाग ही खोलता है।
स्थानांतरण के किसी भी प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी के विकल्प पर स्थानांतरण को प्रस्तावित नहीं किया जाएगा। यदि स्थानांतरण के प्रस्तावित स्थान पर पद रिक्त नहीं है और मुख्यमंत्री के निर्देश पर वहां किसी की पदस्थापना करनी है तो इसके पहले ऐसे जगह में पदस्थ किसी अन्य व्यक्ति का अन्यत्र स्थानांतरित करने के बाद ही स्थानांतरण किया जाएगा। किसी भी सूरत पर रिक्त पदों से अधिक व्यक्ति काम नहीं करेंगे।
स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए प्रतिनियुक्ति के सभी प्रस्तावों का परीक्षण स्वयं संचालक लोक शिक्षण संचालनालय करेंगे और प्रकरण में प्रमाण-पत्र अंकित करेंगे कि उन्होंने प्रकरण का परीक्षण कर लिया है और उपयुक्त पाया गया। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है कि जिस व्यक्ति का वेतन जिस संस्था से आहरित हो रहा है, उसे उसी संस्था में उपस्थिति देनी होगी। लोक शिक्षण संचालनालय को कहा गया है कि वह जल्द ही शिक्षक विहीन और