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नतमस्तक हुआ पाक चीन के आगे,संप्रभुता क्षेत्रीय अखंडता का करते हैं सपोर्ट

पाकिस्तान एक बार फिर से चीन के आगे नतमस्तक नजर आया है. नैन्सी पेलोसी की ताइवान (Taiwan) यात्रा के विवाद में चीन का साथ देते हुए चीन में पाकिस्तानी राजदूत मोइन उल हक ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) एक-चीन सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखता है और चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है. अपने मूल राष्ट्रीय हित से संबंधित मुद्दों पर पाकिस्तान अपने “आयरन ब्रदर” चीन को पूर्ण समर्थन देना जारी रखेगा.

चीन की जवाबी कार्रवाई के बारे में राजदूत ने कहा कि, “अंतर्राष्ट्रीय कानून की सीमा के भीतर, प्रत्येक देश को अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने का अधिकार है.” उन्होंने कहा, “इसी तरह, पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए चीनी सरकार के सभी प्रयासों का समर्थन करता है.” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और द्विपक्षीय समझौतों के सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि अंतर्राज्यीय संबंध आपसी सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित होने चाहिए.

चीन के कड़े विरोध और चेतावनी की अवहेलना करते हुए नैन्सी पेलोसी मंगलवार रात ताइवान पहुंची थी. ताइवान पर चीन अपना दावा करता है और इस यात्रा को चीन द्वारा एक-चीन सिद्धांत के गंभीर उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है. इसके जवाब में शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने भी कार्रवाई की है. चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चीन-अमेरिका थिएटर कमांडर्स बातचीत और चीन-अमेरिका रक्षा नीति समन्वय वार्ता को रद्द कर दिया है. साथ ही चीन-अमेरिका सैन्य समुद्री सलाहकार समझौते की बैठकों को रद्द करने का भी फैसला लिया है.

इसके अलावा अवैध अप्रवासियों के प्रत्यावर्तन पर चीन-अमेरिका सहयोग को निलंबित करना, कानूनी सहायता पर चीन-अमेरिका सहयोग को निलंबित करना, अंतरराष्ट्रीय अपराधों के खिलाफ चीन-अमेरिका सहयोग को निलंबित करना, चीन-अमेरिका काउंटर नारकोटिक्स सहयोग को निलंबित करना और जलवायु परिवर्तन पर चीन-अमेरिका वार्ता को निलंबित करना चीन की कार्रवाई में शामिल है.

इस्लामाबाद में भी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर एक-चीन सिद्धांत के लिए पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की और कहा कि पाकिस्तान चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का दृढ़ता से समर्थन करता है. पाकिस्तान ने कहा ‘ऑल-वेदर स्ट्रैटेजिक कोऑपरेटिव पार्टनर्स’ के रूप में, पाकिस्तान और चीन हमेशा कई चुनौतियों के माध्यम से एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं.

वहीं पाकिस्तानी राजदूत मोइन उल हक के अनुसार, वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है क्योंकि दुनिया पहले से ही चुनौतियों से जूझ रही है. उन्होंने कहा, “ताइवान जलडमरूमध्य में क्षेत्रीय स्थिति वास्तव में यात्रा के साथ जटिल थी. हमारा मानना है कि दुनिया क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व सुरक्षा के लिए दूरगामी प्रभाव वाले एक और संकट को बर्दाश्त नहीं कर सकती है.” उन्होंने कहा कि, “पाकिस्तान ‘दो चीन’ या ‘एक चीन, एक ताइवान’ या ‘ताइवान स्वतंत्रता’ बनाने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है.”

एक-चीन नीति के समर्थन में पाक

राजदूत हक ने एक बार फिर ताइवान, शिनजियांग, तिब्बत, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर सहित अपने मूल हित के मुद्दों पर चीन  को पाकिस्तान के अटूट समर्थन की पुष्टि की. बता दें कि, एक-चीन नीति ये रेखांकित करती है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है और ताइवान चीन का हिस्सा है.

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