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हवाला कारोबार की जड़ें ढूंढेगा आयकर विभाग, कड़ी से कड़ी जोड़ पहुंचेगा 'कौन' तक

हवाला कारोबार की जड़ें ढूंढेगा आयकर विभाग, कड़ी से कड़ी जोड़ पहुंचेगा ‘कौन’ तक

गोरखपुर : गोरखपुर में वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ी गई रकम में हेराफेरी के मामले में पुलिस की कार्रवाई के बाद अब इसकी जांच आयकर विभाग भी करेगा। चूंकि, व्यापारी ने खुद स्वीकार किया है कि वह रकम व्यापार के सिलसिले में एक जगह से दूसरी जगह ले जा रहा था, ऐसे में आयकर विभाग रकम के स्रोत, आय और फर्म के सापेक्ष जमा करवाए जाने वाले आयकर की भी जांच होगी।

आयकर विभाग इस रकम के हवाला नेटवर्क की जांच करेगा। इसमें पीड़ित के बयान भी दर्ज होंगे। इसी आधार पर आयकर विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। आयकर विभाग इस व्यापारी के जरिए उस कड़ी तक पहुंचेने का प्रयास करेगी, जिसका ये धन है।

चुनाव आचार संहिता के दौरान या सामान्य अवस्था में भी अगर 10 लाख रुपये से ज्यादा नकदी रकम किसी के पास से बरामद होती है तो इसकी सूचना संबंधित जांच एजेंसी आयकर विभाग को भी देती है। ऐसे में जब व्यापारी के पास से पुलिस ने 50 लाख रुपये गलत तरीके से लिए और मामला खुलने पर उसे बरामद भी कर लिया तो अब इन रूपयों के ट्रैवल हिस्ट्री की भी जांच होगी। इसकी जांच आयकर विभाग करेगा।

इस दौरान ये रुपये कहां से चले थे? किसी एक व्यापारी के थे या कई के? किस व्यापार के मद में फर्म के नाम से भुगतान न होकर इतना लंबा नकद ले जाया जा रहा था? समेत अन्य जानकारी आयकर विभाग की टीम जांच करेगी। इनकम टैक्स के सूत्र ने बताया कि रुपये बरामद होने के साथ आपराधिक कृत्य( हवाला) के लिए पुलिस ने संबंधित पर कार्रवाई कर दी।

लेकिन, अब जांच का विषय है कि ये रुपये आखिर किसके थे? जैसे, मोहित( काल्पनिक नाम) ने बताया कि 50 लाख रुपये लेकर वो नेपाल सीमा पर सोभित( काल्पनिक नाम) को व्यापार के मद में देने जा रहा था। ऐसे में इनकम टैक्स मोहित के फर्म, ऑडिट, क्रय- विक्रय की जांच करेगा।

इसके अलावा इनकम टैक्स जमा करने की जांच करेगा। इसके बाद उसके द्वारा बताए गए सोभित की जांच होगी। अगर सोभित सक्षम व्यापारी हुआ और उसने स्वीकार कर लिया कि मोहित के द्वारा ये रुपये दिए जाने थे और वो इसे आगे तीसरे किसी अंजान शख्स को देता।

ऐसे में तीसरे शख्स की ठीक ऐसे ही जांच होगी। अगर, मोहित या सोभित इसे आर्थिक लेन-देन को खड़ा नहीं कर सके तो जिस अंतिम शख्स के पास से रुपये मिले थे, उन्हें इन रूपयों का मूल हकदार मान लिया जाएगा। इसी आधार पर उनसे उनके व्यापार और हवाला कनेक्शन की जांच होगी।

सूत्र ने बताया कि व्यापारी ने भी तहरीर में किसी व्यापार या किस ट्रेड का व्यापार करते हैं, इसकी जानकारी नहीं दी है। केस दर्ज कराने में उल्लेख किया है कि प्रतिदिन रुपयों का कलेक्शन कर लाते थे। तो नकदी कलेक्शन और एकत्र धनराशि पर इनकम टैक्स उनके द्वारा जमा कराया जाता था या सरकार को टैक्स की चोरी से आर्थिक क्षति पहुंचाई जाती थी, इसकी भी जांच की जाएगी।

इनकम टैक्स वारंट देकर थाने से लेगा कैश का रिकार्ड
दरअसल, अगर किसी थाने में व्यापारी की गाड़ी या उसके पास से 10 लाख रुपये से अधिक की रकम बरामद होती है तो फ्लाइंग स्क्वायड का काम शुरु हो जाता। ये थाने से सूचना लेकर इनकम टैक्स, लखनऊ इसकी सूचना देते हैं। इस टीम में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी रहते हैं।

इसी रिपोर्ट के आधार पर इनकम टैक्स की टीम सीधे संबंधित थाने पर वारंट लेकर जाता है। इसी वारंट के आधार के पर रूपये की सुपुर्दगी लेकर बयान के लिया बुलवाया जाता। अगर बयान तथ्यपरक नहीं लगे तो पैसों को विभाग के अधीन रखते हुए सम्मान जारी किया जाता है। फिर जांच आगे बढ़ती है।

हवाला का कुरियर करने वालों की भी चांदी
चुनाव के बीच में हवाला कारोबार का दाम अपने आप चढ़ जाता है। सूत्र बताते हैं कि एक करोड़ रुपये हवाला की रकम को एक – तरफ से दूसरी तरफ करने पर 50 हजार रुपये की सीधा फायदो हो जाता है। इसके बदले हवाला की रकम को सुरक्षित जगह तक पहंचाना होता।

हिंदी बाजार का सराफा व्यापार हवाला कारोबार के लिए खासा प्रचलित है। इसके अलावा साहबगंज का खूनीपुर चौक, शाहमाहरूफ और बिसाता मंडी इसका एक बड़ा अड्ढा है।

साहबगंज मंडी से हवाला का बड़ा खेल
सूत्रों ने बताया कि साहबगंज और मछली मंडी के नेटवर्क से प्रतिदिन 150 करोड़ रुपये से अधिक हवाला का कारोबार होता है। सूत्र ने बताया कि अभी कुछ वर्ष पहले एक व्यापारी के यहां से हवाला का 52 लाख रुपये गलत तरीके से कुरियर लेकर चला गया था। इसकी जानकारी तक किसी को नहीं हो सकी। अवैध सोने के व्यापार के साथ दाल और साहबगंज मंडी में थोक का कारोबार करने वाले भी हवाला के इस नेटवर्क की मजबूत कड़ी हैं।

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