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नीलगिरी में चुनाव अधिकारियों ने राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की ली तलाशी, चुनाव प्रचार करने जा रहे थे वायनाड

नीलगिरी में चुनाव अधिकारियों ने राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की ली तलाशी, चुनाव प्रचार करने जा रहे थे वायनाड

तमिलनाडु : तमिलनाडु के नीलगिरी में चुनाव अधिकारियों ने सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की जांच की है. ये हेलीकॉप्टर राहुल को लेकर केरल वायनाड जा रहा था.

पुलिस ने बताया कि नीलगिरी में उतरने के बाद उड़नदस्ते के अधिकारियों ने राहुल के हेलीकॉप्टर की तलाशी ली. राहुल केरल के वायनाड जा रहे थे. वहां वो रोड शो और जनसभा सहित कई चुनावी अभियान में शामिल हुए. 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड से जीत हासिल की थी.

CPI कैंडिडेट से राहुल का मुकाबला

दिलचस्प बात यह है कि राहुल गांधी का मुकाबला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के एनी राजा से होगा, जो विपक्षी INDIA गुट की सहयोगी है. उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के केरल इकाई के प्रमुख के सुरेंद्रन हैं. 20 लोकसभा सीटों वाले सूबे केरल में 26 अप्रैल को एक ही चरण में मतदान होगा. दूसरी ओर, तमिलनाडु में 39 सीटों पर लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को होंगे. वोटों की गिनती 4 जून को होगी.

वायनाड सीट पर कांग्रेस की जीत का गौरवशाली इतिहास

केरल की वायनाड लोकसभा सीट 2008 में अस्तित्व में आई. तब से अब तक इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा है. इस सीट के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं. ये सातों विधानसभा सीटें मनंथावाड़ी, सुल्तानबथेरी, कल्पेट्टा और कोझीकोड जिलों में पड़ती हैं. 2009 में इस सीट पर कांग्रेस के एमआई शानवास सांसद चुए गए थे.

वायनाड जिले की आबादी 8.18 लाख है, जिनमें से 4.01 लाख पुरुष और 4.15 लाख महिलाएं है. इस जिले की साक्षरता दर 89.03 फीसदी है. वायनाड में 49.48% हिंदू, 28.65% जनसंख्या मुस्लिम और ईसाई समुदाय की आबादी 21.34% है.

2009 में मिली थी बड़ी जीत

वायनाड लोकसभा सीट पर 2009 में पहली बार संसदीय चुनाव कराए गए, जिसमें कांग्रेस को बड़ी जीत मिली थी. कांग्रेस के एमआई शानवास ने सीपीआई के एम रहमतुल्लाह को 1,53,439 मतों के भारी अंतर से हराया था. शानवास को तब 4,10,703 और रहमतुल्लाह को 2,57,264 वोट मिले थे.

वायनाड से राहुल गांधी क्यों

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दक्षिण के रण में उतरकर वहां के राजनीतिक समीकरण साधने की रणनीति पर काम रहे हैं. एक दौर में दक्षिण भारत कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता था, लेकिन वक्त के साथ छत्रपों ने कांग्रेस की जमीन को कब्जा लिया है. ऐसे में राहुल गांधी की कोशिश दक्षिण के सियासी रण में खुद उतरकर अपनी सियासी जमीन को वापस पाने की है.

वायनाड और मल्लपुरम इलाके में कांग्रेस और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की मजबूत पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि पिछले दो लोकसभा चुनाव से कांग्रेस लगातार जीत दर्ज कर रही है. ऐसे में राहुल के लिए वायनाड की राह में बहुत ज्यादा दिक्कतें नहीं होंगी.

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