अमृतसर भारत के विदेश सचिव, हर्षवर्धन श्रृंगला ने अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं की पहली खेप को झंडी दिखाकर रवाना किया। अमृतसर में आयोजित एक समारोह में अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे और भारत के विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक बिशॉ परजुली मौजूद थे। अफगान के लोगों के लिए गेंहूं की पहली खेप के रूप में 50 ट्रकों के जरिए 2500 मीट्रिक टन गेहूं रवाना किया गया है।
समारोह में मौजूद अफगानी राजदूत ने गंभीर खाद्य समस्या का सामना कर रहे अफगानों की मदद के लिए भारतीय सरकार का आभार वयक्त किया है। ‘उन्होंने बताया कि एक महीने के दौरान करीब 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान पहुंचाया जाएगा। इसे खाद्य कमी का सामना कर रहे अफगान लोगों के बीच वितरित किया जाएगा।
अफगानिस्तान में पहले से मौजूद समस्याओं ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। यहां आतंकी संगठन तालिबान द्वारा जबरन देश की सत्ता पर काबिज होने के बाद गंभीर खाद्य संकट पैदा हुआ है। अफगान की बहुत बड़ी आबादी भुखमरी के कगार पर खड़ी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अफगानिस्तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने भविष्य की सभी कठिनाइयों और मुद्दों को हल करने के लिए निरंतर मदद का आश्वासन दिया था।
वहीं पिछले दिनों भारतीय विदेश मंत्रालय के ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि भारत सरकार अफगान लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में पिछले शनिवार 19 फरवरी को अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता की पांचवी खेप भेजी गई। इसमें करीब 2.5 टन चिकित्सा सहायता सामग्री के साथ सर्दियों के कपड़े शामिल थे।
साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि सरकार खाद्यान्न, कोविड वैक्सीन के साथ जरूरी दवाएं अफगान के लोगों के लिए लगातार भेज रही है। पिछले दिनों में अफगानिस्तान को 3.6 टन चिकित्सा सहायता और कोविड टीकों के पांच लाख खुराकी की आपूर्ति की गई है।
गौरतलब है कि भारतीय सरकार ने पाकिस्तान से ट्रांजिट सुविधा का आग्रह किया था। ताकि भारत ने सड़क मार्ग द्वारा अफगानिस्तान तक गेंहू पहुंचाए जा सकें। भारत ने बीते साल अक्टूबर में पाकिस्तान को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था। जिसके बाद पाकिस्तान ने अफगान के ट्रकों में गेहूं भेजने की शर्त के साथ ट्रांजिट सुविधा को मंजूरी दी है।