रामगढ़: एमपी एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को विधायक ममता देवी को अलग-अलग धाराओं में पांच-पांच साल की दो सजाएं सुनाई हैं। इसके साथ ही ममता देवी की विधायकी जाना तय हो गया है। कोर्ट ने भाजपा नेता राजीव जायसवाल को भी आर्म्स एक्ट में पांच साल की सजा सुनाई है.
अगस्त, 2016 में रामगढ़ के चर्चित गोला गोली कांड में यहां की विधायक ममता देवी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में यह सजा सुनाई गई। इस मामले में भाजपा नेता राजीव जायसवाल समेत सभी 13 दोषियों को पांच साल सजा सुनाई है। इसके साथ ही दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। हजारीबाग एमपी एमएलए कोर्ट में मंगलवार को सुबह 11:45 बजे सुनवाई में सजा सुनाई जानी थी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार और सरकार की ओर से अधिवक्ता शंकर बनर्जी ने सजा पर बहस की थी।
बचाव पक्ष की ओर से पेश हुए शंकर बनर्जी ने वीरेंद्र के बयान पर बहस करते हुए कहा कि सुनवाई को लेकर कोर्ट योग्यता रखती है और सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी नहीं कहा है कि सुनवाई नहीं हो सकती। कोर्ट में बचाव पक्ष ने ममता देवी के छोटे बच्चे का हवाला दिया। सरकारी पक्ष ने कहा कि आज इन्हें परिवार याद आ रहा है। इस कांड में दर्जनभर लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनमें पुलिस पदाधिकारी भी शामिल थे। यह समाज के विरुद्ध अपराध था।
इससे पहले में कोर्ट में करीब आधे घंटे तक बहस हुई थी। इसके बाद जज ने सजा सुनाने का ऐलान किया था। सुनवाई जारी रहने के दौरान कोर्ट बाहर परिसर में बड़ी संख्या में विधायक ममता देवी के समर्थक और अन्य लोग मौजूद थे। वहीं, विधायक के 4 माह की बेटे और 8 साल की बड़ी बेटी के साथ उनके पति भी कोर्ट में आए थे। उनके पति और बच्चों को चेंबर में आने को लेकर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की और तुरंत बाहर जाने के लिए भी कहा। परिसर में माहौल ना बिगड़े इसलिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।