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व्यापारी चला रहे थे फर्जी काल सेंटर

भिलाई  फर्जी काल सेंटर की आड़ में लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गिरोह के दो आरोपित सगे भाई हैं और दिल्ली में ही घाघरा चोली का कारोबार करते हैं।

लाकडाउन में व्यापार प्रभावित होने के बाद से इन्होंने फर्जी काल सेंटर को ही अपना मुख्य कारोबार बना लिया था और अपने साथियों के साथ मिलकर ठगी करने लगे थे। आरोपित सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लाइज ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम (सीजीआइएस) के नाम का गलत इस्तेमाल कर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को झांसे में लेते थे।

उन्हें बीमा से अधिक परिपक्वता राशि दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे। मोहन नगर थाना क्षेत्र के बीएसएनएल से सेवानिवृत्त तकनीशियन से 16 लाख 15 हजार रुपये की ठगी के बाद दुर्ग पुलिस ने आरोपितों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत कार्रवाई की गई है।

मामले की जानकारी देते हुए डीआइजी व दुर्ग एसएसपी बद्रीनारायण मीणा, शहर एएसपी संजय ध्रुव, दुर्ग सीएसपी डा. जितेंद्र यादव और क्राइम डीएसपी नसर सिद्दीकी ने बताया कि सूर्या नगर सिकोलाभाठा दुर्ग निवासी शिकायतकर्ता प्रभाकर राव दानीकर ने 16 जुलाई 2021 को मोहन नगर थाना में आनलाइन ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता बीएसएनएल से तकनीशियन के पद से सेवानिवृत्त हुआ था।

तीन साल पहले शिकायतकर्ता के पास पहली बार फोन आया था और बात करने व्यक्ति ने खुद को सीजीआइएस का अधिकारी बताते हुए बीमा की परिपक्वता राशि दिलाने की बात कही थी। अलग-अलग नंबरों से आरोपितों ने बात कर ज्यादा राशि दिलाने का झांसा देकर तीन साल में टैक्स, जीएसटी और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर कुल 16 लाख 15 हजार रुपये की ठगी कर ली थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये शिकायत मिलने के बाद साइबर सेल ने आरोपितों का लोकेशन खोजा। इसके बाद एक टीम को दिल्ली रवाना किया गया। पुलिस ने वहां से सलीम जफर (36) व उसके छोटे भाई साजिद जफर (29) निवासी किलोकारी विलेज महारानी बाग साउथ दिल्ली, राजू यादव (32) निवासी शाहपूराजाट साउथ दिल्ली और रंजन कुमार यादव (30) निवासी तैमूर नगर एक्ट्रेशन साउथ दिल्ली को गिरफ्तार किया। आरोपितों के अलग-अलग बैंकों के खातों में जमा एक लाख 56 हजार 672 रुपये का फ्रीज कराया गया और उनके पास से एटीएम कार्ड व मोबाइल फोन जब्त किया गया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपित बीमा कंपनियों से अवैध तरीके से निवेशकों का डाटा लेते थे और उसके बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपना शिकार बनाते थए।आरोपितों ने तीन साल के भीतर शिकायतकर्ता प्रभाकर राव दानीकर से अलगअ-लग बैंकों में राशि जमा कराया था। पुलिस उन बैंक खातों से आरोपितों तक पहुंची। इसके बाद साउथ दिल्ली जाने के बाद पुलिस ने बहुरूपिया का भेष धरा। एक आरोपित जिस चाय की दुकान पर जाता था। वहां पर जाकर उससे जान पहचान बढ़ाई। एक आरोपित की मदद से बाकि के आरोपितों के बारे में पूछा।

उनकी कालोनी में मकान किराये पर लेने की बात कहकर उनके घरों तक पहुंचे। इसके बाद मौका पाकर सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में सलीम जफर और साजिद जफर घाघरा चोली का व्यापार करते थे। साथ ही रंजन यादव और राजू यादव के साथ मिलकर इस तरह से आनलाइन ठगी करते थे। लेकिन, लाकडाउन में व्यापार में नुकसान होने के बाद आरोपितों ने ठगी को मुख्य कारोबार बना लिया।

आरोपितों में से रंजन यादव पूर्व में देहरादून में ठगी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को जानकारी दी है कि उन्होंने पंजाब, गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के लोगों को शिकार बनाकर उनसे दो करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है।

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