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CM नीतीश कुमार ,पूर्व CM जीतन माँझी पर भड़के,

पटना: बिहार विधानसभा में गुरुवार को एक बार फिर हंगामा देखने को मिला. आरक्षण विधेयक पर जब जीतन राम मांझी ने अपनी बात रखी तो उसके जवाब में सीएम नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भड़क गए. उन्होंने जीतन राम मांझी को सीएम बनाए जाने के निर्णय को अपनी गलती बतायी. बीजेपी के सदस्यों ने सीएम नीतीश के बयान का जमकर विरोध किया. जीतन राम मांझी ने भी नीतीश कुमार के बयान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने लिखा कि अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया यह आपकी भूल है. आपने जदयू विधायकों के विरोधों की वजह से डरकर कुर्सी छोड़ी थी.

नीतीश कुमार ग़ज़ब चल रहें हैं,बोले- ये कहता है कि ये मुख्यमंत्री था,मेरी मूर्खता से ये मुख्यमंत्री बना,ये गवर्नर बनना चाहता है,इसको कोई आईडिया नहीं है ,जनगणना पर सवाल उठाये थे पूर्व CM ने उसके बाद बेक़ाबू हुए नीतीश !!

माँझी का बयान- नीतीश कुमार का मानसिक संतुलन बिगड़ा,हम उनसे चार वर्ष बड़े हैं,राजनीति में भी सीनियर हैं,ये तू तड़ाक कर रहें हैं !!

विधानसभा अध्यक्ष को करना पड़ा हस्तक्षेप

नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम को लेकर कहा कि ये जब हमारे साथ थे तब भी गलत बयानबाजी करते थे. अभी भी ये गलत बयानबाजी कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं के द्वारा सीएम नीतीश के बयान का विरोध करने पर नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने ही इन्हें सीएम बनाया था. सीएम नीतीश ने कहा कि जीतन राम मांझी आज कहते हैं कि हम भी मुख्यमंत्री थे. लेकिन इनसे पूछा जाए कि इन्हें किसने मुख्यमंत्री बनाया. नीतीश कुमार को रोकने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा.

नीतीश कुमार ने विधानसभा में दिया था अमर्यादित बयान

बता दें कि इससे पहले मंगलवार को भी नीतीश कुमार के बयान को लेकर हंगामा हुआ था. नीतीश कुमार के परिवार नियोजन के मुद्दे पर दिए गए बयान की काफी आलोचना हुई थी. उन्होंने बिहार विधानसभा में जातीय गणना पर बोलते समय शादीशुदा जोड़े के फिजिकल रिलेशन पर अमर्यादित बयान दिया था, जिसे लेकर महिला विधायक भी झेंप गईं थी. बीजेपी समेत अन्य नेताओं ने नीतीश कुमार को घेरा था.

बिहार विधानसभा में आरक्षण बढ़ोतरी का प्रस्ताव पारित

बिहार विधानसभा में आरक्षण विधेयक पर चर्चा चल रही थी. उसी विधेयक पर जीतन राम मांझी अपनी बात रख रहे थे. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन बिल आम राय से पास हो गया. ये संशोधन राज्य सरकार के नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के नए प्रावधान के लिए हैं. इसके बाद जहां अनुसूचित जाति और जनजाति का आरक्षण बीस और दो प्रतिशत होगा जबकि वर्तमान में उन्हें सोलह और एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा हैं. वहीं ओबीसीं और ईबीसी को अब अठारह और पच्चीस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया हैं. जबकि उन्हें वर्तमान में बारह और अठारह प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा हैं.

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