रायपुर लगभग सवा साल में आनलाइन ठगों ने 18 सौ लोगों से ठगी की। सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर आनलाइन ठगों ने लगभग चार करोड़ रुपये लोगों के खातों से उड़ा दिए। एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट ने लगभग साढे तीन सौ लोगों के खाते से कटे पैसे होल्ड करवाने में सफलता पाई। टीम ने 37 लाख रुपये वापस करवाए। उल्लेखनीय है कि रायपुर में ठगी की वारदात में देश के कई बड़े गिरोह का नाम सामने आया है। नाइजीरियन, रशिया जैसे विदेशी गिरोह के अलावा राजस्थान, हरियाणा और झारखंड के ठगों ने रायपुर में ठगी की है। पुलिस ने विदेशी ठगों को भी घेराबंदी करके दिल्ली और मुंबई में गिरफ्तार किया।
साइबर अधिकारियों के अनुसार, ठग जैसे ही किसी खाते से पैसे ट्रांसफर करते हैं, उस पैसों को उस खाते में नहीं रहने देते। एक खाते से दूसरे खाते में भेज देते हैं। इसमें एक खाता झारखंड का दूसरा उत्तरप्रदेश और तीसरा बिहार का होता है। ऐसे में होल्ड करवाने के बाद भी पैसा नहीं रिटर्न होता। इसके अलावा ठग कुछ कमीशन देकर आनलाइन शापिंग कर लेते हैं। और सामान दूसरे के घर भिजवा देते हैं। इसके बदले उन्हें पैसे मिल जाते हैं।
अगर कोई ठगी का शिकार होने के बाद 24 घंटे के भीतर यदि शिकायत दर्ज करवाते हैं तो पैसे होल्ड करने में सहायता मिल जाती है। शिकायत मिलते ही पुलिस अधिकारी, सीधे बैंक से संपर्क कर जिस खाते में पैसे ट्रांसफर होते हैं, उसे होल्ड करवा देते हैं।
मैग्नेटो माल के बिग बाजार में सेल्समेन का काम करने वाले सुरेश खुंटे के पास मंगलवार को एक महिला का फोन आया। महिला ने स्वयं को एसबीआई क्रेडिट कार्ड की अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड में एक अवांछित प्लान एक्टिव हो गया है। खुंटे ने उसे बंद करने को कहा। उसने महिला को अपने क्रेडिट कार्ड का नंबर दे दिया। ओटीपी की भी जानकारी उसने दे दी। उसी क्षण खाते से एक लाख 36 हजार 35 रुपये कट गये।उच्च शिक्षा विभाग के सचिव समरेंद्र सिंह ने गूगल से नंबर निकालकर फोन किया। फोन सीधे ठग के पास पहुंच गया।
ठग ने हरिद्वार में होटल बुकिंग के नाम पर एक लाख पांच हजार रुपये ऐंठ लिया। हुआ ये था कि समरेंद्र सिंह को पत्नी के उपचार के लिए हरिद्वार जाना था। इसके लिए उन्होंने आनलाइन बुकिंग करवाई थी। ठग ने कहा कि वो होटल के साथ उपचार के लिये धरोहर राशि मांगी। उसकी बातों में आकर पीड़ित ने पैसे डाल दिये। एंटी क्राइम एंड साइबर प्रभारी गिरीश तिवारी ने कहा, समय पर शिकायत मिलने पर तत्काल खाते को होल्ड करवाया जाता है। जागरूकता जरूरी है। किसी को भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।