



कवर्धा में हुई हिंसक घटना का विरोध और जिन निर्दोंष लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन सभी को बिना किसी शर्त के छोड़े जाने की मांग को लेकर बिलासपुर के छत्तीसगढ़ हाई स्कूल मैदान में विश्व हिंदू परिषद के द्वारा प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को भाजपा ने भी अपना समर्थन दिया.
विश्व हिंदू परिषद के द्वारा पूर्व में निर्धारित कार्यक्रम के तहत शहर में रैली निकालने और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम तय था लेकिन प्रशासन के द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने की वजह से कार्यक्रम को आमसभा में बदला गया.
कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित हुए इस हिंदुधर्म संसद में सभी के द्वारा एक स्वर में ये मांग की गई कि जिन निर्दोष लोगों को पुलिस ने पकड़ा हैं, उन्हें बिना शर्त छोड़ा जाए.
कार्यक्रम में मौजूद रहे बीजेपी के नेताओं ने राज्य सरकार को इस घटना का दोषी ठहराते हुए जमकर कोसा.
बड़ी संख्या में महिलाओं ने रैली निकाली. महिलाओं ने ध्वज का अपमान करने वाले दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने,
पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज की न्यायिक जांच और फर्जी तरीके से युवाओं की गिरफ्तारी की निशर्त रिहाई की मांग की.
दरअसल बीती 3 अक्टूबर को कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर दोनों समुदाय को युवक अपना-अपना धार्मिक झंडा लगाने के मुद्दे पर भिड़ गए.
बात इतनी बढ़ी की एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के युवक को बुरी तरह से पीट दिया.
बाद में यह मामला दो समुदायों के बीच झड़प में बदल गया और इसने हिंसक रूप ले लिया. इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पत्थरबाजी कर दी.
हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी.
बीती 5 अक्टूबर को कवर्धा बंद का ऐलान किया गया. इस दौरान भी पथराव और जमकर तोड़फोड़ हुई.