


सीमा सुरक्षा बल की ट्रेनिंग से लौटी संध्या भिलाला ने सोचा भी नहीं था कि गांव में उसके स्वागत की भव्य तैयारियां की गई है। संध्या एक गरीब परिवार की बेटी है और उसके पिता खेतिहर मजदूर हैं। जब वह फौज में सिलेक्शन के बाद ट्रेनिंग लेकर लौटी तो घोड़े पर बिठाकर पूरे गांव में उसका जुलूस निकाला गया। इतना ही नहीं, लोगों ने हार से स्वागत किया और पैर भी छुए।


राजगढ़ जिले के पिपल्या रसोड़ा गांव के खेतिहर मजदूर देवचंद भिलाला की बेटी संध्या का चयन अप्रैल 2021 में सीमा सुरक्षा बल के लिए हुआ था। वह राजस्थान में बीएसएफ की ट्रेनिंग के लिए गई थी। आठ महीने की ट्रेनिंग के बाद लौटी तो पूरा गांव उसके स्वागत के लिए उमड़ पड़ा।
हर घर के बाहर उसका हार पहनाकर स्वागत किया गया। गांव वालों का प्रेम देखकर संध्या तक की आंखों में आंसू आ गए। इतना ही नहीं संध्या भी खुद को नाच-गाने से अलग नहीं रह सकी। उसने भी खूब डांस किया।
देवचंद भिलाला की तीन बेटियां और दो बेटे हैं। 27 वर्षीय संध्या तीसरे नंबर की है। संध्या की ड्यूटी नेपाल-भूटान बॉर्डर पर लगी है। संध्या ने एमए फाइनल किया है। उसने दूसरों के खेतों में मजदूरी कर अपनी पढ़ाई के लिए पैसे जुटाए।
12वीं पास करने के बाद प्राइवेट स्कूल में नौकरी कर आगे की पढ़ाई की। संध्या से पहले गांव में केवल दो ही फौजी रहे हैं। संध्या इससे पहले सुरक्षा बलों में शामिल होने में दो बार नाकाम भी रही थी। सात साल से प्रयास कर रही थी और सुबह 5 बजे दौड़ने भी जाती थी।