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32 वां जिला बना मनेंद्रगढ़ CM ने किया उद्घाटन, रोड शो में स्वागत के बाद पहुंचे सभास्थल

रायपुर   राजनीतिक-प्रशासनिक मानचित्र पूरी तरह बदलने जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो नवगठित जिलों का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। वह मनेंद्रगढ़ पहुंच गए हैं। उन्होंने यहां प्रदेश के 32वें जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर का उद्घाटन किया। उन्होंने कलेक्ट्रेट भवन में कई विकास कार्यों का शिलान्यास-लोकार्पण भी किया।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, कोरिया जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और कोरबा की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत एवं कोरिया जिले के तीनों विधायक भी उपस्थित थे। जिले के पहले कलेक्टर पी.एस. ध्रुव एवं एसपी टीआर कोशिमा ने कार्यभार संभाला।

कलेक्ट्रेट के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मनेंंद्रगढ़ में रोड शो पर निकले। इस दौरान उनका जगह-जगह पर स्वागत किया किया गया। उन्हें वन औषधियों और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से तौला गया। सड़क के दोनों ओर नये जिले के निर्माण के लिए धन्यवाद देने भीड़ खड़ी थी। सीएम पर फूलों की वर्षा भी की गई। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री को चांदी का मुकुट पहनाया और तलवार देकर सम्मानित किया। इन जिलाें के गठन की अधिसूचना गुरुवार को ही जारी कर दी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त 2021 को इन दोनों जिलों के गठन की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री 9 सितम्बर को सवेरे 10.30 बजे बिलासपुर के सकरी स्थित जैन इंटरनेशनल स्कूल से हेलीकाप्टर में मनेंद्रगढ़ के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री वहां प्रदेश के नवगठित 32वें जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का उद्घाटन किया। अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन भी किया । इसके बाद रोड शो और आम सभा होगी। मुख्यमंत्री 1.55 बजे मनेन्द्रगढ़ से सक्ती के लिए रवाना हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोपहर बाद 2.40 बजे से 4.40 बजे तक सक्ती में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगे। यहां पहले स्टेडियम से पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक रोड शो होगा। वहां पुलिस अधीक्षक कार्यालय का उद्घाटन होगा। उसके बाद मुख्यमंत्री बड़ादेव स्थापना और महापूजन कार्यक्रम में भाग लेंगे। उसके बाद सक्ती के कलेक्टर कार्यालय का उद्घाटन होगा। मुख्यमंत्री एक जनसभा को संबोधित कर योजनाओं का लोकार्पण और भूमि पूजन करने वाले हैं। फिर हेलीकाप्टर से शाम 4.45 बजे रायपुर के लिए उड़ान भरेगा।

अधिकारियों ने बताया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के लिए 200 करोड़ 73 लाख रुपए की राशि के 15 कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण करेंगे। जिसमें 187 करोड़ 04 लाख 66 हजार के नौ कार्यों का भूमि पूजन होना है। वहीं 13 करोड़ 68 लाख 57 हजार के छह कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न विभागों से संबंधित योजनाओं से लोगों को सामग्री आदि का वितरण भी किया जाना है।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को सक्ती के शासकीय क्रान्ति कुमार भारतीय महाविद्यालय परिसर में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान 153 करोड़ 6 लाख रुपए के 309 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन होना है। इसमें 85 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत के 296 कार्यों का भूमिपूजन होगा। वहीं 67 करोड़ 85 लाख 99 हजार रुपए की लागत के 13 कार्यों का लोकार्पण होना है। नये जिले मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर को कोरिया जिले से अलग कर बनाया गया है। इसकी सीमाएं उत्तर में मध्य प्रदेश के सीधी जिले की कुसमी तहसील, मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला, दक्षिण में कोरबा जिले की पोड़ी-उपरोड़ा और सूरजपुर की रामानुजनगर तहसील आएगी।

पूर्व में कोरिया की बैकुण्ठपुर और सोनहत तहसील। पश्चिम में जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और मध्य प्रदेश का अनूपपुर और शहडोल जिला आएगा। इस जिले की अनुमानित जनसंख्या चार लाख 11 हजार 515 है। इसमें उपखंड मनेन्द्रगढ़, तहसील मनेन्द्रगढ़ एवं केल्हारी तथा उपखंड भरतपुर, तहसील भरतपुर तथा उपखंड खड़गंवा-चिरमिरी, तहसील खड़गंवा को शामिल किया गया है। जांजगीर-चांपा का सक्ती शिक्षा विभाग के लिए पहले से ही जिला था। अब यह प्रशासनिक जिला भी बन गया है। नए जिले में उपखंड सक्ती की तहसील सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर और उपखंड डभरा की तहसील डभरा सहित कुल 5 तहसीलें शामिल होंगी। इसके उत्तर में कोरबा जिले की करतला तहसील, दक्षिण में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले का सारंगढ़, पूर्व में रायगढ़ जिले का खरसिया और पश्चिम में जांजगीर-चांपा जिले के सारागांव, बम्हनीडीह तहसील आएगी। जिले का कुल क्षेत्रफल एक लाख 51 हजार 976 वर्ग किलोमीटर है। 2011 जनगणना के अनुसार जिले की आबादी 6 लाख 47 हजार254 है। इसमें कुल गांवों की संख्या 465 है।

मनेंद्रगढ़: यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ में 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में खदानों से कोयला खनन शुरू होने और रेलवे लाईन के विकास का भी साक्षी रहा है। इस नए जिले का मुख्यालय बने मनेंद्रगढ़ को वर्ष 1930 में नियोजित शहर के रूप में बसाया गया था। उस जमाने में यह इस भौगोलिक-सांस्कृतिक क्षेत्र का पहला नियोजित शहर था। यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ और देश की औद्योगिक प्रगति का शुरू से ही आधार रहा है। नया जिला बनने के साथ इस क्षेत्र की वर्षो पुरानी मांग पूरी हो रही है।

सक्ती: स्थानीय किवदंती है कि सक्ती का इलाका कभी सम्बलपुर राजघराने के अधीन था। यहां के गोंड राजाओं ने दशहरे के दिन लकड़ी की तलवार से भैंसों की बलि देकर शक्ति प्रदर्शन किया। इससे प्रसन्न होकर संबलपुर के राजा ने इसे स्वतंत्र रियासत का दर्जा दे दिया। यह की भूमि शक्ति से ओतप्रोत है। इसी वजह से इसे बाद में “सक्ती’ कहा जाने लगा। सक्ती रियासत छत्तीसगढ़ के प्रमुख गढ़ में से एक है। मध्यप्रदेश के जमाने में यह सबसे छोटी रियासत थी। अब राज्य गठन के 22 साल बाद इसे जिले के तौर पर नई पहचान मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ गठन के समय साल 2000 में 16 जिले थे, जबकि अब इनकी संख्या बढ़कर 33 होने वाली है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर का उद्घाटन कर दिया है। इसके बाद सक्ती भी नया जिला बनेगा।

  • साल 2007 में दंतेवाड़ा से अलग कर बीजापुर और बस्तर से अलग कर नारायणपुर को जिला बनाया गया।
  • जनवरी 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 9 नए जिले बनाए। इनमें सुकमा, कोंडागांव, बालोद, बेमेतरा, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, मुंगेली, सूरजपुर व बलरामपुर शामिल हैं।
  • फरवरी 2020 में बिलासपुर से अलग कर गोरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला बना।
  • अप्रैल 2022 में खैरागढ़-छुईखदान-गड़ई को जिला बनाने की घोषणा हुई। फिर 3 सितंबर को उसके साथ ही और सारंगढ़-बिलाइगढ़ अस्तित्व में आए हैं।

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