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फांसी लगाने से पहले पति ने जड़ा था श्वेता सिंह को थप्पड़,भाजपा नेत्री मौत मामला

बांदा में जिला पंचायत सदस्य (डीडीसी) श्वेता सिंह गौर की मौत के बाद वायरल हो रहे वीडियो में जिन जिनके किरदार सामने आ रहे हैं, वे सभी पुलिस के रडार में हैं। इनमें कई एक के नाम भी उजागर हुए हैं।

घटना की जांच कर रही शहर कोतवाली पुलिस का कहना है कि ऐसे हरेक व्यक्ति से पूछताछ होगी। श्वेता की मौत के बाद ताबड़तोड़ जारी हुए वीडियो में कई नाम आए हैं। पुलिस ने इन सबको अपने जांच दायरे में शामिल कर लिया है।

इन्हीं में कोई राजेश मामा नाम भी है। यह भी पता चला है कि श्वेता ने जिस दिन फांसी लगाई उसके पूर्व रात में दीपक सिंह के साथ घर में कई लोग मौजूद थे, जिन्होंने दीपक के साथ शराब पी। इनमें कुछ लोग जसपुरा क्षेत्र के हैं। बताते हैं कि श्वेता के विरोध करने पर इन्हीं सबके सामने दीपक ने श्वेता को थप्पड़ जड़ दिया था।

अरसे से अपमान का घूंट पीती चली जा रही श्वेता का धैर्य शायद इस अपमान के बाद टूट गया और कुछ घंटों बाद ही उसने फांसी लगा ली। उधर, कोतवाली प्रभारी राजेंद्र सिंह रजावत ने बताया कि पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है।

वीडियो में जो भी चेहरे या नाम आए हैं उनकी तलाश की जा रही है। उनसे पूछताछ की जाएगी। वह घर के हों या बाहर के। भाजपा नेत्री श्वेता सिंह गौर का शव 27 अप्रैल को इंदिरा नगर स्थित आवास में कमरा बंद कमरे में लटका मिला था।

आरोपी पति दीपक सिंह गौर को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद अब इस परिवार के हमदर्द, प्रभावशाली और विभिन्न दलों में पैठ रखने वाले सक्रिय हो गए हैं।

उनकी कोशिश है कि श्वेता और दीपक के परिवारों में सुलह-समझौता कराकर ससुर, सास और जेठ पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट वापस करा दी जाए। इसके लिए काफी हद तक बात हो चुकी है। हालांकि किसी पक्ष से पुष्टि नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि तीनों के पक्ष में हलफनामे दिए जाएंगे। श्वेता के ससुर पहले दिन ही यह सहमति दे चुके हैं कि दीपक के नाम जो प्रापर्टी है उसका आधा हिस्सा तीनों बेटियों के नाम किया जाएगा।

मध्यस्थता करने वाले भी बेटियों के भविष्य, पालन-पोषण आदि का ख्याल रखकर बातचीत कर रहे हैं। क्षत्रिय समाज के कई प्रभावशाली लोगों ने बताया कि ससुर, सास और जेठ को एफआईआर से हटवाने के लिए पूरी कोशिशें जारी हैं। ये निर्दोष हैं।श्वेता के पति डा. दीपक सिंह गौर भी भाजपा नेता और अधिवक्ता डिग्री धारक है। ससुर रिटायर्ड डीआईजी हैं। जेठ जेठ धनंजय सिंह लखनऊ हाईकोट में अधिवक्ता हैं। श्वेता के भाई ने इस मामले में श्वेता के पति, ससुर, जेठ के साथ ही सास पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

श्वेता की सबसे लाडली रही मंझली बेटी गौरी चार दिन बाद भी मां की मौत के सदमे से तनिक भी नहीं उभरी। उसका हाल यह है कि मां की तस्वीर रात-दिन अपने सीने से लगाए है। सोते समय भी इससे अलग नहीं करती। हर वक्त मायूस और गुमसुम रहती है। कमोवेश यही हालत अन्य दोनों बेटियों अविष्का और मिट्टो की भी है।

तीनों बेटियां न भरपेट खा रही हैं, न सो रही हैं। उधर, बहन की बेटियों को संभालने का जिम्मा फतेहपुर से आई श्वेता की बहन प्रिया (बेटियों की मौसी) ने संभाल लिया है। फिलहाल बेटियां मौसी की ही देखरेख में यहां हैं। ननिहाल सहित अन्य खानदानियों का भी लगातार आना-जाना जारी है।

यह सभी इन बच्चियों से संवेदना और हमदर्दी जता रहे हैं। श्वेता के जेठ धनंजय सिंह लखनऊ हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। बड़ी बेटी लखनऊ में उन्हीं के पास रहकर पढ़ रही थी।

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