नक्सल प्रभावित नगरनार, जगदलपुर में 12 साल से नौकरी का इंतजार कर रहीं युवतियों को नगरनार संयंत्र में नौकरी मिलने में आ रही रूकावट खत्म हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने सोमवार को सुनवाई के बाद संपत्ति में समानता के अधिकार के आधार पर 61 बेटियों के एनएमडीसी के नगरनार स्थित इस्पात संयंत्र में नौकरी के लिए पात्र पाया है।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बस्तर जिले से संबंधित 98 प्रकरणों की सुनवाई कलेक्टोरेट स्थित प्रेरणा कक्ष में की।
इस सुनवाई के दौरान नगरनार इस्पात संयंत्र में समानता के अधिकार के आधार पर नौकरी की मांग करने वाली 71 महिलाओं के प्रकरण भी शामिल थे। प्रकरण की सुनवाई के दौरान आयोग के द्वारा नामित सदस्यों की लिखित रिपोर्ट की प्रति आयोग को प्रस्तुत किया गया।
25 दिसंबर 2006 को कट ऑफ डेट के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार मात्र 18 बेटियों को नौकरी के लिए पात्र पाया गया था। मगर, महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि कट ऑफ डेट का प्रावधान जमीन की खरीद फरोख्त पर नियंत्रण के लिए है तथा यह नियम वारिसान के प्राकृतिक अधिकार पर लागू नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि बेटियां जन्म से ही पिता के संपत्ति में अपना स्वामित्व धारण करती हैं और बेटे के समान ही बेटियों को भी संपत्ति में बराबरी का हक मिलना ही चाहिए।इन 71 मामलों में से 10 मामलों में वन टाईम सेटलमेंट और नौकरी दिये जाने के निर्देश हैं। इस कारण इन 71 प्रकरण में से 10 प्रकरणों में वन टाईम सेटलमेंट की जांच कर 10 दिन के भीतर रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इन 10 मामलों में भी उचित निर्णय लिया जा सके।
61 महिलाओं को नौकरी के लिए पात्र पाए जाने पर इनकी नौकरी के लिए एनएमडीसी के हैदराबाद कार्यालय से आवश्यक कार्यवाही पूरी कराने के निर्देश जिला कलेक्टर बस्तर को दिए गए।लगभग 12 वर्षों से अपनी मांगों को बेटियां कई धरना, आंदोलन, प्रदर्शन में भाग ले चुकी थीं। आयोग अध्यक्ष ने कहा कि आयोग बेटियों के अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पित है।