मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने बड़ा ऐलान किया है कि वह अपने परिजनों का त्याग कर खुद को परिवार के बंधनों से मुक्त कर रहीं हैं. अब उन्हें ‘दीदी मां’ के नाम से जाना जाएगा. आगामी 17 नवंबर को बकायदा इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो जाएगी. उमा भारती ने एक के बाद एक कुल 17 ट्वीट कर उनके जीवनकाल के बारे में जानकारियां लिखी हैं, जिसमें उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई.उमा भारती ने लिखा, ”मेरी संन्यास दीक्षा के समय पर मेरे गुरु ने मुझसे एवं मैंने अपने गुरु से 3 प्रश्न किए. उसके बाद ही संन्यास की दीक्षा हुई.
उमा भारती ने एक के बाद एक कुल 17 ट्वीट कर उनके जीवनकाल के बारे में जानकारियां लिखी हैं, जिसमें उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई. उमा भारती ने लिखा, ”मेरी संन्यास दीक्षा के समय पर मेरे गुरु ने मुझसे एवं मैंने अपने गुरु से 3 प्रश्न किए. उसके बाद ही संन्यास की दीक्षा हुई. मेरे गुरु के 3 प्रश्न थे- (1) 1977 में आनंदमयी मां के द्वारा प्रयाग के कुंभ में ली गई ब्रह्मचर्य दीक्षा का क्या मैंने अनुशरण किया है? (2) क्या
प्रत्येक गुरु पूर्णिमा को मैं उनके पास पहुंच सकूंगी? (3) मठ की परंपराओं का आगे अनुशरण कर सकूंगी?”इसके बाद उमा भारती ने लिखा,”तीनों प्रश्न के उत्तर में मेरी स्वीकारोक्ति के बाद मैंने उनसे जो तीन प्रश्न किए- (1) क्या उन्होंने ईश्वर को देखा है? (2) मठ की परंपराओं के अनुशरण में मुझसे भूल हो गई, तो क्या मुझे उनका क्षमादान मिलेगा? (3) क्या मुझे आज से राजनीति त्याग देना चाहिए?”
मैं अपने परिवार जनों को सभी बंधनों से मुक्त करती हूं एवं मैं स्वयं भी 17 तारीख को मुक्त हो जाऊंगी। . मेरा संसार एवं परिवार बहुत व्यापक हो चुका है। अब मैं सारे विश्व समुदाय की दीदी मां हूं मेरा निजी कोई परिवार नहीं है। ”पहले दो प्रश्नों के अनुकूल उत्तर गुरुजी द्वारा मिलने के बाद तीसरे प्रश्न का उनका उत्तर जटिल था. मेरे परिवार से संबंध रह सकते हैं.
किंतु करुणा एवं दया और मोह या आसक्ति नहीं. साथ ही, देश के लिए राजनीति करनी पड़ेगी. राजनीति में मैं जिस भी पद पर रहूं, मुझे एवं मेरी जानकारी में सहयोगियों को रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार से दूर रहना होगा. इसके बाद मेरी संन्यास दीक्षा हुई. मेरा मुंडन हुआ, मैंने स्वयं का पिंडदान किया.