



दंतेवाड़ा नारी निकेतन की अधीक्षिका कल्पना रथ का हिटलरशाही रवैया सामने आया है। निकेतन में रहने वाली महिलाओं से अधीक्षिका खुद की सेवा करवाती हैं। महिलाओं को प्रताड़ित कर रोज हाथ-पैर दबवाती हैं। घर में झाड़ू-पोंछा करवाती हैं। ऐसा नहीं करने पर गला दबाकर लात ही लात मारती है। अधीक्षिका के इस रवैये का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वो कुर्सी में बैठ अपनी सेवा करवाती नजर आ रही हैं। मामला उजागर होने के बाद कलेक्टर विनीत नंदनवार ने अधीक्षिका और प्यून दोनों को सस्पेंड कर दिया है।
दरअसल, दंतेवाड़ा में स्थित नारी निकेतन में वर्तमान में कुल 12 युवती और महिलाएं रहती हैं। इनमें से कई अनाथ, बेसहारा हैं, तो कई परिवार से तंग आकर नारी निकेतन का सहारा ली हैं। इन्हीं में से एक महिला ने वीडियो बनाकर वायरल किया है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा रहा है कि, अधीक्षिका किस तरह से कूलर के सामने कुर्सी लगाकर बैठी हैं। नारी निकेतन की एक महिला से अपने पैर दबाव रही। यह सिलसिला हर दिन का होता है।
नारी निकेतन की एक महिला ने आरोप लगाते कहा कि अधीक्षिका कल्पना रथ अपने घर का सारा काम करवाती हैं। हाथ-पैर भी दबवाती हैं। साथ ही हमें खाना तक नहीं देती हैं। यदि खाना मांगो और काम करने से मना कर दें तो पैरों से मारती हैं, गला दबा देती हैं। वहीं गुस्से में अपने मोबाइल फोन से सिर पर भी मार कर उल्टा लटकाने की बात कहती हैं। इनके अलावा प्यून कालंद्री यदु भी इसी तरह प्रताड़ित करती है। महिलाओं ने कहा कि, हम अधीक्षिका की प्रताड़ना से तंग आ चुके हैं।
शिकायत के बाद सस्पेंड
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी वरुण नागेश ने मामला उजागर होने के बाद दोनों को कलेक्टर सर ने सस्पेंड कर दिया है। साथ ही इस मामले की विभागीय जांच करवाने के निर्देश दिए हैं।
क्या होता है नारी निकेतन?
नारी निकेतन खोलने का उद्देश्य उन अनाथ, अविवाहित, विधवा, प्रताड़ित और बेसहारा महिलाओं जिनके पास घर नहीं है, और उन्हें एक छत की जरूरत होती है। लड़कियां या महिलाएं जिनकी उम्र 16 साल से अधिक है उनको सामाजिक और शैक्षणिक संरक्षण प्रदान करवाया जाता है। साथ ही वह युवतियां जो शादी करने की इच्छुक हैं, उनके विवाह की व्यवस्था की जाती है।