याचिकाकर्ता लेखराम साहू के वकील ने हाई कोर्ट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई कि प्रतिपरीक्षण के लिए याचिकाकर्ता द्वारा लगातार कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद भी राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
इस पर कोर्ट ने राज्यसभा सदस्य के वकील को प्रतिपरीक्षण के लिए छह हजार स्र्पये जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही कोर्ट ने हीलाहवाला के लिए नाराजगी भी जताई। वर्ष 2018 में हुए राज्यसभा चुनाव में निर्वाचित राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के चुनाव को कांग्रेस के प्रत्याशी लेखराम साहू ने चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दी है।
नियमों के मुताबिक चुनाव याचिकाओं का निपटारा छह महीने के भीतर करना होता है। परन्तु बीते डेढ़ साल से कोरोना काल होने के कारण प्रकरण में गवाही शुरू नहीं हो पाई थी।
मामले की सुनवाई लेखराम साहू और दो अन्य गवाह विन्सेंट डिसूजा और अमोल मालूसरे के प्रतिपरीक्षण के लिए नियत थी और इसके लिये इन गवाहों का शपथ पत्र 28 सितंबर को ही प्रस्तुत किया जा चुका था।
सुनवाई के दौरान लेखराम साहू के वकील सुदीप श्रीवास्तव और हिमांशु शर्मा ने जस्टिस सैम पी कोशी की बेंच में तीनों गवाहों के प्रतिपरीक्षण के लिए सुबह से ही उपस्थित होने की जानकारी दी।
इस पर बेंच ने प्रतिपरीक्षण प्रारंभ करने के लिए सरोज पांडेय के वकील अविनाश चंद्र साहू को कहा।