



सक्ती। छपोरा में भारतीय स्टेट बैंक की फर्जी शाखा खोलकर बैंक में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले मुख्य आरोपित मास्टर माइंड ग्राम दुम्हनी थाना बिलाईगढ़ निवासी अनिल भास्कर को मालखरौदा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।


वहीं इस मामले में आठ और आरोपित शामिल हैं जो फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। पकड़े गए आरोपित के पास से पुलिस ने ठगी की रकम से खरीदे गए आई – 20 कार को भी पुलिस ने जब्त किया है।एसडीओपी सक्ती मनीष कंवर ने बताया कि मालखरौदा थाना क्षेत्र के ग्राम छपोरा में बीते दिनों एसबीआई की फर्जी ब्रांच खोलने का मामला सामने आया था।
ब्रांच में रुपये जमा नहीं किए जाते थे
जांच के दौरान पता चला कि इस शाखा में किसी भी ग्रामीण के रुपये जमा नहीं किए जाते हैं। बेरोजगार युवकों को एसबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के लिए फर्जी ब्रांच खोला गया है। बेरोजगारों से लाखों रुपए लेकर मैनेजर, कैशियर, फाइनेंस एडवाइजर सहित गार्ड की नौकरी का झांसा देकर नियुक्ति पत्र भी दिया गया था।
पूछताछ करने पर अनिल भास्कर एवं उसके साथियों के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी लगाने के नाम पर उनसे पैसे लेकर नियुक्ति लेटर दिया गया है। एसबीआई के मुख्य प्रबंधक जीवराखन कावड़े की रिपोर्ट पर पुलिस ने तीन नामजद रेखा साहू, मनधीर दास व पंकज सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ बीएनएस की धारा 3(5), 318(4), 336, 338, 340 के तहत अपरार्ध दर्ज कर विवेचना में लिया।
ठगी के पैसों से खरीदी कार और मोबाइल
एसडीओपी कंवर ने बताया कि पीडित गवाहों चिंटू मरावी, परमेश्वर राठौर, ज्योति यादव, संगीता कंवर के द्वारा आरोपितों को ट्रांसफर किए गए रकम एवं उनके कथनों के आधार पर पुलिस और साइबर टीम की मदद से आरोपित अनिल भास्कर को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। उसने बताया कि ठगी किए गए रकम में से 6 लाख 60 हजार रूपये अलग-अलग यूपीआई आईडी से उसके खाते में आया था।
उस रकम से उसने अपने लिए सेकंड हैंड CG 10 W 7400 नंबर की आई-20 कार और नया मोबाइल भी खरीदना बताया। पुलिस ने ठगी की रकम से खरीदे गए कार, मोबाइल फोन को जब्त किया और आरोपित के बैंक खाते में बचत रकम 83 हजार रूपये को सीज कराया गया है। पूछताछ में उसने अपने अन्य आठ सहयोगियों के नाम का भी खुलाशा किया है जिनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीम बनाकर रवाना किया गया है।