



भारत के लोग बड़े मासूम होते हैं. धर्म का चोगा पहन कर अगर उन्हें कुछ कह दो तो ज्यादातर लोग आंख बंद कर उसपर यकीन कर बैठते हैं. भले ही कुछ समय बाद बाबा का पाखंड सबके सामने आ जाता है लेकिन थोड़े समय की अंधभक्ति जरूर नजर आ जाती है. छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी एक ऐसे ही बाबा का पर्दाफाश हो गया.


जानकारी के मुताबिक़, ये मामला रायपुर के पास कठिया का है. यहां रहने वाले 42 साल के शिवदास बंजारे ने गांव वालों को लंबे समय से बेवकूफ बना रखा था. बाबा का दावा था कि उनके अंदर दैवीय शक्ति आ गई है. लगभग एक महीने से वो लोगों को उल्लू बना रहा था. उसने लोगों से कहा था कि वो अपने घर में समाधि लेकर बिना तेल के ही खाना बना रहा है और खा रहा है. इसके बाद उसने दावा किया कि दैवीय शक्ति की वजह से वो पानी के ऊपर चल सकता है. इसके बाद उसने अपने दावे को सच साबित करने के लिए लोगों को गांव के मंदिर के पास के तालाब के पास बुला लिया. बस यहीं उससे हो गई भारी मिस्टेक.
पानी में चलने का किया था दावा
शिवदास बंजारे का दावा था कि वो पानी के ऊपर चल सकता है. इस बात की चर्चा पूरे गांव में होने लगी. बस फिर क्या था, गांव के कुछ अंधविश्वासी लोग बाबा की पूजा करने में जुट गए. दूर-दूर से लोग बाबा के दर्शन के लिए आने लगे. गांव में बाबा की वजह से मेले सा माहौल बन गया. इस दौरान शिवदास ने गांव के तालाब के ऊपर चलकर एक छोर से दूसरे छोर जाने का ऐलान कर दिया. यहीं उससे बहुत बड़ी गलती हो गई.
चमत्कार देखने आए लोग
बाबा के ऐलान के बाद गांव में 10 अक्टूबर की डेट इसके लिए फाइनल की गई. सभी की छुट्टी कर दी गई. खुद गांव के तहसीलदार, पटवारी और थाना प्रभारी भी चमत्कार देखने आए. बाबा ने पानी में जैसे ही पांव धरा, उनके भक्त जयजयकार करने लगे. लेकिन थोड़ी ही देर में वहां सन्नाटा पसर गया. बाबा पानी एक ऊपर चलने की जगह तैरने लगे. थोड़ी गहराई में जाते ही बाबा डूबने भी लगे. इसके बाद गोताखोर की टीम, जो पहले से वहां मौजूद थी, उन्होंने बाबा को बाहर निकाला. बाबा की असलियत सामने आने के बाद धीरे-धीरे अंधभक्त भी वहां से हटने लगे.