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खून से यूरिक एसिड का सफाया कर देगा ये 5 रुपये में मिलने वाला पत्ता, बस इस तरह करना होगा इस्तेमाल

यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनता है, जो आमतौर पर पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है. हालांकि, जब यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो यह शरीर में संचित होकर कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया. ऐसे में पान का पत्ता यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में सहायक हो सकता है. यूरिक एसिड रोगियों के लिए पान के पत्ते के फायदे शानदार हैं. अगर किसी का यूरिक एसिड बढ़ता है, तो इन पत्तों की मदद से शरीर में बढ़े यूरिक एसिड लेवल को काबू किया जा सकता है.

यूरिक एसिड घटाने के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल करने का तरीका

1. पान का पत्ता और पानी का सेवन

रोजाना सुबह खाली पेट एक पान का पत्ता चबाने से यूरिक एसिड लेवल कम करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही एक गिलास गुनगुना पानी पीने से इसका प्रभाव और भी अधिक बढ़ सकता है.

2. पान का पत्ता और अदरक का मिश्रण

पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जबकि अदरक यूरिक एसिड के निष्कासन में सहायक होता है. इसके लिए 2-3 पान के पत्तों को अदरक के छोटे टुकड़ों के साथ मिलाकर एक काढ़ा बना सकते हैं. इसे दिन में एक बार पीने से यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

3. पान के पत्तों का रस

पान के पत्तों का रस बनाकर इसका सेवन भी किया जा सकता है. इसके लिए 3-4 पत्तों को अच्छे से धोकर उसका रस निकालें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं. यह शरीर में यूरिक एसिड का स्तर संतुलित रखने में मदद करता है.

4. पान का पत्ता और ग्रीन टी

पान के पत्ते को ग्रीन टी के साथ मिलाकर पीना भी यूरिक एसिड कम करने में मददगार हो सकता है. ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और पान के पत्ते के गुण मिलकर शरीर को टॉक्सिन्स से फ्री रखने में सहायक होते हैं.

5. पान का पत्ता और तुलसी

तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को यूरिक एसिड के हानिकारक प्रभावों से बचाने में सहायक होते हैं. पान के पत्तों के साथ तुलसी की कुछ पत्तियों को मिलाकर एक काढ़ा बनाएं और इसका सेवन करें.

पान के पत्ते के फायदे 

एंटी-ऑक्सीडेंट गुण: पान के पत्तों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को टॉक्सिन्स से छुटकारा दिलाने में सहायक होते हैं.
सूजन कम करने में सहायक: यह सूजन कम करने में भी मददगार है, जिससे गठिया के मरीजों को राहत मिल सकती है.
पाचन में सुधार: पान के पत्ते पाचन तंत्र को सुधारने में भी मदद करते हैं, जो यूरिक एसिड की अधिकता को रोकने में सहायक हो सकता है.

सावधानियां:

पान का सेवन सीमित मात्रा में करें क्योंकि ज्यादा मात्रा में सेवन से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं.
अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में पान का पत्ता एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय हो सकता है. इसका सही मात्रा और तरीके से सेवन करने पर आपको जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है.

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