



डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर 20 जनवरी को शपथ ली. शपथ लेते ही उन्होंने कई बड़े फैसले लिए हैं, जिसने दुनिया को चौंका दिया है. राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने WHO से बाहर जाने का फैसला, कनाडा पर टैरिफ लगाने का फैसला, पेरिस जलवायु समझौते से अलग हो जाने का फैसला लिया.



हालांकि, ट्रंप के एक और फैसले ने सबसे ज्यादा भारतीयों को चिंता में डाल दिया है. यह फैसला उनके अवैध प्रवासियों से संबंधित है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश साइन किया है, जिसकी वजह से अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर खतरा मंडराने लगा है. इस आदेश के तहत लाखों अवैध या अस्थायी दस्तावेज वाले विदेशी नागरिकों पर कार्रवाई की जा रही है, जिसमें भारतीय भी शामिल है.
भारतीय समुदाय पर प्रभाव
अमेरिका में अनडॉक्युमेंटेड भारतीयों की संख्या लगभग 7,25,000 है. ट्रंप के इस आदेश के तहत ये लोग कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं, जिससे उन्हें अमेरिका से निर्वासन का जोखिम है. प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अवैध आप्रवासियों का तीसरा सबसे बड़ा समूह हैं. इनमें से कई लोग फ्लोरिडा, टेक्सास, न्यूयॉर्क, और न्यू जर्सी में रह रहे हैं.
287(G) समझौते में स्थानीय एजेंसियों की भूमिका
ट्रंप प्रशासन ने 287(G) समझौतों के तहत स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को होमलैंड सिक्योरिटी के तहत विदेशियों की जांच, गिरफ्तारी, और हिरासत की अनुमति दी है. यह कदम अवैध प्रवासियों की पहचान और कार्रवाई में स्थानीय एजेंसियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक प्रभाव
ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसे एक राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है. उनका मानना है कि अवैध प्रवास के खतरों से अमेरिकी लोगों को बचाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने अमेरिकी बॉर्डर पर दीवार निर्माण, अरेस्ट सेंटर के निर्माण और सीमा पर सेना भेजने का भी आदेश दिया है.
बर्थराइट सिटीजनशिप और नई नीतियों का असर
ट्रंप ने बर्थराइट सिटीजनशिप खत्म करने का आदेश भी साइन किया है, जो अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता प्रदान करता था. इस नीति के बदलाव से भारतीयों सहित कई अप्रवासी समुदायों पर बड़ा असर पड़ सकता है.
भारतीय समुदाय के लिए आगे की राह
ट्रंप प्रशासन की नई नीतियां भारतीय अप्रवासी समुदाय के लिए कई चुनौतियां पेश कर रही हैं. इन नीतियों का पालन करना और भविष्य में संभावित जोखिमों के लिए तैयार रहना भारतीय समुदाय के लिए आवश्यक हो गया है. अमेरिका में रह रहे भारतीयों को अपने दस्तावेज़ और स्थिति को अद्यतन रखने और कानूनी सलाह लेने की आवश्यकता हो सकती है.